क्या स्वतंत्रता आंदोलन में ट्राइबल समाज के योगदान को भुलाया जा सकता है: प्रधानमंत्री मोदी?

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क्या स्वतंत्रता आंदोलन में ट्राइबल समाज के योगदान को भुलाया जा सकता है: प्रधानमंत्री मोदी?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर 'जनजातीय गौरव दिवस' में भाग लिया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में ट्राइबल समाज के योगदान की महत्ता पर जोर दिया। क्या हम उनके योगदान को भुला सकते हैं? जानिए इस विशेष कार्यक्रम के बारे में।

Key Takeaways

  • ट्राइबल समाज का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण था।
  • जनजातीय गौरव दिवस हर वर्ष 15 नवंबर को मनाया जाता है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कई विकास प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया।

नर्मदा, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव हजारों वर्षों से हमारे भारत की चेतना का अभिन्न हिस्सा है। स्वतंत्रता आंदोलन में ट्राइबल समाज का योगदान हम कभी नहीं भुला सकते।

नर्मदा में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि मां नर्मदा की यह पवित्र भूमि आज एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बन रही है। पिछले महीने 31 अक्टूबर को हमने यहां सरदार पटेल की 150वीं जयंती मनाई थी। हमारी एकता और विविधता का उत्सव मनाने के लिए भारत पर्व की शुरुआत हुई है। आज भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के इस भव्य समारोह के साथ हम भारत पर्व की पूर्णता के साक्षी बन रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 2021 में हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी। पीएम मोदी ने कहा, "जब भी देश के सम्मान और स्वाभिमान की बात आई, हमारा आदिवासी समाज हमेशा आगे रहा। हमारा स्वतंत्रता संग्राम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। स्वतंत्रता आंदोलन में ट्राइबल समाज का योगदान हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।"

विकास और जनजातीय कल्याण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य, सड़क और यातायात से संबंधित कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। मैं इन सभी विकास कार्यों के लिए, विशेष रूप से गुजरात और देश के जनजातीय परिवारों को बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले भगवान बिरसा मुंडा को कोई नहीं जानता था। केवल उनके आस-पास के गांवों में ही उनकी चर्चा होती थी। आज देशभर में कई ट्राइबल म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री गोविंद गुरु चेयर जनजातीय भाषा संवर्धन केंद्र की स्थापना की गई है। यहां भील, गामित, वसावा, गरासिया, कोकणी, संथाल, राठवा, नायक, डबला, चौधरी, कोकना, कुंभी, वर्ली, डोडिया जैसी सभी जनजातियों की बोलियों पर अध्ययन होगा। उनकी जुड़ी कहानियों और गीतों को संरक्षित किया जाएगा।

इससे पहले, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा में भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की। डेडियापाडा में 'जनजातीय गौरव दिवस' कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया गया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण ट्राइबल समाज के योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। आज का दिन न केवल जनजातीय गौरव को उजागर करता है, बल्कि हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न समुदायों का योगदान कितना महत्वपूर्ण था।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

भगवान बिरसा मुंडा का योगदान क्या था?
भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी अधिकारों के लिए प्रभावी आंदोलन किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जनजातीय गौरव दिवस कब मनाया जाता है?
जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कौन से प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य, सड़क और यातायात से जुड़े कई विकास प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया।
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