क्या कांग्रेस अपने युवा सांसदों को बोलने नहीं देती, करियर हो रहा खत्म: पीएम मोदी
सारांश
Key Takeaways
- युवा सांसदों के करियर पर असर पड़ रहा है।
- कांग्रेस में आंतरिक कलह मौजूद है।
- संसद में बात रखने का मौका नहीं मिल रहा।
- राजनीतिक दलों को अपने युवा नेताओं को प्रोत्साहित करना चाहिए।
- संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से शुरू होगा।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पार्टी की आंतरिक समस्याओं पर निशाना साधा है। आगामी संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस में युवा सांसदों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता। यह जानकारी कई युवा सांसदों ने स्वयं उन्हें बताई है।
पीएम मोदी ने शनिवार को सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस का पूरा युवा वर्ग, जो पहली बार संसद में आया है, वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। जब कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के युवा सांसद मिलते हैं, तो वे कहते हैं कि हम क्या कर सकते हैं? हमारा करियर खत्म हो रहा है। हमें संसद में बोलने का मौका भी नहीं मिलता। हर बार यही कहा जाता है कि संसद को ताला लगा दो।"
उन्होंने आगे बताया, "ऐसे युवा सांसद अपने क्षेत्रों में जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वे कहते हैं कि जब हम अपने क्षेत्रों के मुद्दे संसद में नहीं उठा पाएंगे, तो दोबारा कौन मौका देगा। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें विकास की नई ऊंचाइयों को पार करना है।"
सीपीआई(एम) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने भी संसद की स्थिति को लेकर खुलासा किया था। केरल से आने वाले सांसद जॉन ब्रिटास ने स्वीकार किया कि राहुल गांधी ने उन्हें संसद में बाधा डालने के लिए कहा और उन्हें बोलने से रोका।
मई 2025 में एक पॉडकास्ट में जॉन ब्रिटास ने कहा कि उन्होंने 'इंडिया' गठबंधन की बैठकों में राहुल गांधी से अनुरोध किया था कि वे संसद में रोजाना व्यवधान न डालें, ताकि वे केरल से जुड़े मुद्दे उठाना चाहें। कई सांसदों ने इस बात का समर्थन किया, लेकिन राहुल गांधी ने इनकार कर दिया।
जॉन ब्रिटास ने कहा, "मैं एक मीटिंग में उनके रुख (राहुल गांधी) के बारे में थोड़ा आलोचनात्मक था। मैंने कहा कि रोज संसद को बाधित करना अच्छा नहीं है। आपको कुछ नए तरीके अपनाने होंगे।"
पिछला संसद सत्र पूरी तरह हंगामे में गुजरा था। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने मानसून सत्र में लगातार गतिरोध पैदा किया। फिलहाल 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया जारी है और संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से शुरू होगा। इस बार भी संसद में एसआईआर और कथित वोट चोरी जैसे विषयों पर हंगामा होने की पूरी संभावना है।