क्या लालू यादव ने महागठबंधन में अपने बेटे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए दबाव डाला?

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क्या लालू यादव ने महागठबंधन में अपने बेटे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए दबाव डाला?

सारांश

बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए लालू यादव की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय महागठबंधन में गुंडागर्दी और सहयोगी दलों के खिलाफ टॉर्चर का परिणाम है। जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की आलोचना की।
  • लालू यादव ने महागठबंधन में अपने बेटे के लिए जबरदस्ती की है।
  • बिहार में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
  • सरकारी नौकरियों की स्थिति अव्यावहारिक वादों के कारण चिंताजनक है।
  • डबल इंजन की सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

पटना, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा चुनाव में महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर राजद और महागठबंधन को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि राजद के अध्यक्ष लालू यादव ने जबरदस्ती, एक प्रकार से टॉर्चर करके, सभी सहयोगी दलों के खिलाफ प्रत्याशी उतारकर अपने बेटे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करवा लिया।

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जिस तरह लालू यादव ने 15 वर्षों तक बिहार पर शासन किया, उसी तरह अपने ही गठबंधन में गुंडागर्दी कर सहयोगी दलों को टॉर्चर करके अपने बेटे को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी बनाया है।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता ने राजद को 15 साल तक शासन करने का मौका दिया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप बिहार के लोगों को लूट, हत्या, और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा। अब भ्रष्टाचारी यानी पंजीकृत अपराधी का बेटा बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है। यह निर्णय महागठबंधन ने लिया है, जो आज लोकतंत्र और बिहार को शर्मसार करने वाला है।

सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव जैसे भ्रष्टाचारी के पुत्र को कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों ने मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया। जिस व्यक्ति ने 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला किया, उसके बेटे को गठबंधन ने सीएम बनने का सपना देखने का मौका दिया।

उन्होंने तेजस्वी यादव के वादों को लेकर कहा कि वे 2.70 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। वर्तमान में लगभग 22 लाख लोगों के लिए सरकारी नौकरी उपलब्ध है और 85 हजार करोड़ रुपए सरकार द्वारा खर्च किए जाते हैं। यदि 2.70 करोड़ लोगों को नौकरी दी जाती है तो 12 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी, जबकि बिहार का कुल बजट केवल 3.17 लाख करोड़ रुपए है।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह वादा अव्यावहारिक और जनता को भ्रमित करने वाला है। जीविका दीदियों को 30 हजार रुपए वेतन देने की घोषणा को लेकर कहा कि 1.36 करोड़ जीविका दीदी हैं। अब समझ लीजिए क्या होगा?

भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिहार के लोग और बिहार की सुविधाओं के लिए आवश्यक है। बिहार का असली विकास केंद्र से मिलने वाले सहयोग और सुशासन के माध्यम से ही संभव है। बिहार के विकास और तरक्की के लिए केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में नीतीश सरकार का डबल इंजन आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी लोग जो गुंडागर्दी की बदौलत सत्ता में आना चाहते हैं, उन्हें बिहार की जनता 6 और 11 नवंबर को मतदान के माध्यम से करारा जवाब देगी।

Point of View

उनका समाधान लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना चाहिए।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना सही है?
तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय महागठबंधन का है, लेकिन इस पर विभिन्न राजनीतिक विचारधाराएँ हैं।
सम्राट चौधरी ने किस पर आरोप लगाए?
सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है।
बिहार में सरकारी नौकरियों की स्थिति क्या है?
बिहार में वर्तमान में 22 लाख सरकारी नौकरियाँ उपलब्ध हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के वादे अव्यावहारिक लगते हैं।