क्या पीएम मोदी की दृष्टि और सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का गौरव बना?

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क्या पीएम मोदी की दृष्टि और सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का गौरव बना?

सारांश

उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक नई पहचान स्थापित की है। लखनऊ को यूनेस्को द्वारा ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ का दर्जा दिया गया है। यह उपलब्धि खानपान और संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेश की वैश्विक पहचान को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • लखनऊ को यूनेस्को द्वारा ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ का दर्जा मिला।
  • सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने वैश्विक पहचान बनाई।
  • खानपान परंपरा और संस्कृति के क्षेत्र में लखनऊ की पहचान बढ़ी।
  • पर्यटन क्षेत्र में लखनऊ की पहचान को सशक्त किया जाएगा।
  • वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए।

लखनऊ, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने वैश्विक पहचान की नई ऊंचाइयाँ प्राप्त की हैं। लखनऊ को यूनेस्को ने ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ के रूप में मान्यता दी है। यह सम्मान उन शहरों को दिया जाता है जो अपनी खानपान परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार से विश्व को प्रेरित करते हैं। यह घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित यूनेस्को की 43वीं जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘वर्ल्ड सिटीज डे’ के अवसर पर की गई।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज देश का गौरव बन चुका है। लखनऊ की यह उपलब्धि उसके समृद्ध खानपान और संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि लखनऊ की गैस्ट्रोनॉमी को मिली यह पहचान पर्यटन क्षेत्र की बढ़ती ताकत और ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के विजन को साकार करने का एक प्रमाण है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लखनऊ के लिए नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था। विस्तृत समीक्षा के बाद भारत सरकार ने 3 मार्च 2025 को यूनेस्को को अंतिम डॉसियर प्रस्तुत किया। 31 अक्टूबर को आयोजित कॉन्फ्रेंस में लखनऊ को औपचारिक रूप से ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ नेटवर्क में शामिल किया गया।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि यूनेस्को की इस सूची में अब दुनियाभर के 70 शहर शामिल हैं। इस वर्ष आठ नए शहरों को इस नेटवर्क में स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि लखनऊ का यह चयन उसकी व्यंजन परंपरा और पाक कला धरोहर को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने वाला है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं। यह रुझान बताता है कि खानपान और संस्कृति, उत्तर प्रदेश में पर्यटन वृद्धि के प्रमुख आधार बन चुके हैं।

विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि लखनऊ अब दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है जो खानपान को सांस्कृतिक संवाद और सतत विकास का माध्यम बना रहे हैं। आने वाले समय में पर्यटन विभाग इस वैश्विक पहचान को और सशक्त करने के लिए कई नई पहल करेगा।

लखनऊ की यह उपलब्धि उसके अवधी व्यंजनों, नवाबी परंपरा और खानपान की विविधता का जीवंत प्रमाण है। अब टुंदे कबाबी से लेकर कुलचा-निहारी तक, लखनऊ के स्वाद विश्व मानचित्र पर प्रदेश की पहचान को और ऊंचा उठाएंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। यूनेस्को की मान्यता ने प्रदेश की संस्कृति और खानपान को वैश्विक मंच पर लाने में मदद की है। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार करेगा।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश को यूनेस्को द्वारा 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा कब मिला?
उत्तर प्रदेश को यह दर्जा 31 अक्टूबर 2023 को मिला।
लखनऊ की खानपान परंपरा की विशेषता क्या है?
लखनऊ की खानपान परंपरा में अवधी व्यंजन और नवाबी संस्कृति का समावेश है।
इस साल लखनऊ में कितने पर्यटक आए?
वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए।
लखनऊ को इस मान्यता के लिए नामांकन कब भेजा गया था?
लखनऊ के लिए नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया था।
लखनऊ की पहचान को कौन से स्वाद बढ़ाएंगे?
टुंदे कबाबी से लेकर कुलचा-निहारी तक, ये सभी लखनऊ की पहचान को बढ़ाएंगे।