क्या मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय अध्यक्ष का चुनाव जनता द्वारा होगा?

सारांश
Key Takeaways
- नगरीय निकाय अध्यक्ष का चुनाव अब जनता के द्वारा होगा।
- यह निर्णय लोकतंत्र को मजबूत करेगा।
- सरकार विधानसभा में अध्यादेश लाने की तैयारी में है।
- अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव जरूरी होगा।
- प्रधानमंत्री मोदी का आगामी कार्यक्रम महत्वपूर्ण है।
भोपाल, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की मोहन कैबिनेट की बैठक में नगरीय निकाय के चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। राज्य में अगला नगरीय निकाय अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष रूप से होगा; अर्थात् अध्यक्ष का चुनाव अब पार्षदों द्वारा नहीं, बल्कि सीधे जनता द्वारा किया जाएगा।
राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं को कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि नगरीय निकाय के अध्यक्षों का अगला चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होगा। पिछला चुनाव कोविड-19 के दौरान हुआ था। सरकार अब विधानसभा में अध्यादेश लाकर सीधे जनता से चुनाव कराने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने बताया कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव के लिए दो साल का समय है और इसके लिए तैयारियाँ की जा सकती हैं। इसके साथ ही, अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने पर दो तिहाई पार्षदों का समर्थन जरूरी होगा, और इसके बाद जनता खाली और भरी कुर्सी के लिए मतदान करेगी। इस प्रक्रिया के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 17 सितंबर को धार प्रवास की चर्चा करते हुए विजयवर्गीय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी धार में पीएम मित्र पार्क की आधारशिला रखेंगे। साथ ही, 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान का शुभारंभ सुमन सखी चैटबॉट के जरिए करेंगे। जनजातीय स्व-सहायता समूहों से स्वदेशी उत्पादों की खरीद और यूपीआई द्वारा भुगतान, सेवा पर्व, एवं कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ भी किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी एक बगिया मां के नाम अभियान के तहत महिला लाभार्थियों को पौधों का वितरण और एक करोड़ सिकल सेल कार्ड का वितरण भी करेंगे। कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी कम करने के निर्णय पर आभार जताया गया, जिससे आम आदमी, किसान, और लघु व मध्यम उद्योग से जुड़े लोगों को लाभ होगा।