क्या मध्यप्रदेश नई शिक्षा नीति में देश में नंबर-1 बन गया? : सीएम मोहन यादव

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क्या मध्यप्रदेश नई शिक्षा नीति में देश में नंबर-1 बन गया? : सीएम मोहन यादव

सारांश

मध्यप्रदेश ने नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह कार्यशाला शिक्षा मंत्री और राज्यपाल की उपस्थिति में हुई, जिसमें कौशल विकास और संस्कृति को जोड़ने के प्रयासों का उल्लेख किया गया। जानिए क्या है इस नीति का महत्व और प्रदेश की उपलब्धियाँ।

Key Takeaways

  • मध्यप्रदेश ने एनईपी-2020 को लागू करने में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
  • कौशल विकास, नवाचार और संस्कृति पर जोर दिया गया है।
  • इंदौर और रतलाम के स्कूलों को सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों का दर्जा मिला है।
  • प्रथम कक्षा से कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू की गई है।
  • हर जिले में एक मेडिकल और एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का लक्ष्य है।

भोपाल, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में रविवार को 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : कार्यान्वयन, चुनौतियाँ और संभावनाएँ' विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आज राज्यपाल मंगुभाई पटेल और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ नई शिक्षा नीति के पांच साल पूरे होने पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुआ। मध्यप्रदेश इस नीति को लागू करने में पूरे देश में सबसे आगे है। हमने इसे सिर्फ किताबी पढ़ाई तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कौशल विकास, नवाचार और अपनी संस्कृति के पुनर्जागरण से भी जोड़ा है।"

सीएम ने गर्व जताते हुए बताया कि इंदौर और रतलाम के दो सांदीपनि विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर 'सर्वश्रेष्ठ विद्यालय' चुना गया है। ये दोनों स्कूल नई शिक्षा नीति के मॉडल के रूप में पूरे देश में चर्चित हैं।

कार्यशाला में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "मध्यप्रदेश ने जिस तेजी और गंभीरता से एनईपी-2020 को लागू किया है, वह अन्य राज्यों के लिए मिसाल है। यहाँ मातृभाषा में पढ़ाई, व्यावसायिक शिक्षा को दसवीं से शुरू करना और डिजिटल लर्निंग जैसे कदम सराहनीय हैं।"

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब पहली कक्षा से ही कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू हो गई है। 920 से ज्यादा सीएम राइज स्कूल बन चुके हैं। हर जिले में कम से कम एक मेडिकल और एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का लक्ष्य पूरा होने की ओर है। संस्कृत और प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, "शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और देशभक्ति का माध्यम है। मध्यप्रदेश इस दिशा में सही रास्ते पर चल रहा है।"

कार्यशाला में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कॉलेज प्राचार्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षाविद् शामिल हुए।

Point of View

बल्कि कौशल विकास और प्राचीन भारतीय शिक्षाओं को भी महत्व देता है। इस प्रकार, यह न केवल शैक्षणिक विकास बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या नई शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास पर ध्यान दिया गया है?
हाँ, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कौशल विकास, नवाचार और संस्कृति के पुनर्जागरण पर जोर दिया गया है।
कौन-कौन से प्रमुख लोग इस कार्यशाला में शामिल हुए?
इस कार्यशाला में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए।
मध्यप्रदेश में कितने सीएम राइज स्कूल खोले गए हैं?
मध्यप्रदेश में 920 से ज्यादा सीएम राइज स्कूल खोले जा चुके हैं।
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