क्या मणिपुर में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन आवश्यक है।
- शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आईटीईपी पर ध्यान दिया गया।
- राज्य के बच्चों के लिए उच्च-गुणवत्ता शिक्षा की आवश्यकता पर जोर।
- सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण के लिए अंतर-विभागीय समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता।
इंफाल, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने गुरुवार को अधिकारियों से आग्रह किया कि वे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करें।
राजभवन के एक अधिकारी के अनुसार, राज्यपाल ने एक महत्वपूर्ण बैठक में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया और मौजूदा शिक्षा प्रणाली की समीक्षा की।
भल्ला ने सभी बच्चों के लिए उच्च-गुणवत्ता, समावेशी और समान शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) जैसी प्रमुख पहलों का भी उल्लेख किया।
राज्यपाल ने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा, डिजिटल शिक्षण उपकरण और अच्छी तरह से प्रशिक्षित शिक्षक राज्य के युवाओं का भविष्य मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं।
शिक्षा विभाग (स्कूल) के सचिव एन प्रवीण सिंह ने स्कूल नामांकन में प्रगति के बारे में एक प्रस्तुति दी। इसमें विभिन्न जिलों में स्कूल वितरण और नामांकन की दर में वृद्धि के अवसरों का अवलोकन प्रस्तुत किया गया।
बैठक में शिक्षा निदेशक (स्कूल) एनजी. भोगेंद्र मैतेई और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
राज्यपाल ने आईटीईपी की प्रगति का आकलन भी किया, जो एक चार वर्षीय दोहरी-प्रमुख स्नातक कार्यक्रम है, जो नए स्कूल ढांचे के लिए शिक्षकों को तैयार करता है।
शिक्षा आयुक्त (स्कूल) एच ज्ञान प्रकाश ने कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर अपडेट दिया।
राज्यपाल ने राजभवन में 'गवर्नर-इन-काउंसिल' बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण पर चर्चा की गई।
इस बैठक में मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह, आयुक्त और विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव भी शामिल हुए।