क्या महाराष्ट्र में 77 सामाजिक आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे?

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क्या महाराष्ट्र में 77 सामाजिक आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे?

सारांश

महाराष्ट्र में सामाजिक आंदोलनों से जुड़े 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की गई है। इस निर्णय के पीछे का कारण जानिए और यह कैसे प्रभावित करेगा राज्य के आंदोलनों को।

Key Takeaways

  • 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश
  • गंभीर अपराधों के मामलों को खारिज किया जाएगा
  • बॉम्बे उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय
  • राज्य में सामाजिक आंदोलनों का महत्व
  • नए आवेदनों की समीक्षा का आश्वासन

मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति ने, जो कि सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार की अध्यक्षता में कार्यरत है, सोमवार को राज्य में हुए 201 सामाजिक आंदोलनों में से 77 आवेदकों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की सिफारिश की है।

मंत्री ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, गंभीर अपराध और व्यक्तिगत या नागरिक विवादों से संबंधित मामलों को सरकारी नीति के तहत माफ नहीं किया जा सकता। इस कारण, ऐसे मामलों को वापस लेने का निर्णय स्पष्ट रूप से खारिज किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों से जुड़े छह मामलों में, सरकारी प्रस्तावों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, अंतिम निर्णय बॉम्बे उच्च न्यायालय को लेना होगा। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

मंत्री शेलार ने कहा कि उप-समिति को प्राप्त 201 आवेदनों में से 77 पर पुनर्विचार की सिफारिश की गई है और अब ये मामले पुलिस उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों के समक्ष रखे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि कई कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, प्रदर्शनकारियों और वैचारिक आंदोलनों में भाग लेने वालों पर बेवजह मामले दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे निराधार मामलों से उन्हें राहत दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि गणेशोत्सव, नवरात्रि, दही हांडी उत्सव, कोविड-19 के दौरान आयोजित सामाजिक कार्यक्रम, श्रमिक आंदोलन और अन्य आयोजनों के दौरान दर्ज मामलों की समीक्षा नए आवेदनों के आधार पर की जाएगी।

इस विषय पर जल्द ही एक नई बैठक बुलाई जाएगी। मंत्री शेलार ने अपील की कि इससे पहले गणेशोत्सव मंडल, नवरात्रि मंडल, सामाजिक संगठन, यूनियन प्रतिनिधि और कार्यकर्ता सरकार को अपने आवेदन प्रस्तुत करें।

-राष्ट्र प्रेस

वीकेयू/डीएससी

Point of View

गंभीर अपराधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस संदर्भ में उचित संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या सभी मामलों को वापस लिया जाएगा?
नहीं, केवल 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की गई है। गंभीर अपराधों को माफ नहीं किया जाएगा।
क्या यह निर्णय आंदोलनकारियों के लिए फायदेमंद होगा?
हां, यह निर्णय कई बेवजह मामलों से राहत दिला सकता है।
कौन से मामले वापस नहीं लिए जाएंगे?
महिलाओं के खिलाफ अपराध, गंभीर अपराध और नागरिक विवादों से संबंधित मामले वापस नहीं लिए जाएंगे।
बॉम्बे उच्च न्यायालय का क्या रोल है?
बॉम्बे उच्च न्यायालय को अंतिम निर्णय लेना होगा।
सरकार को कब तक नए आवेदन देना होगा?
सरकार ने अपील की है कि गणेशोत्सव से पहले आवेदन प्रस्तुत करें।