क्या महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का मुद्दा गरमाया? अबू आजमी की अगुवाई में नेताओं ने अजित पवार से मुलाकात की

सारांश
Key Takeaways
- लाउडस्पीकर के मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है।
- अबू आजमी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है।
- मुस्लिम समुदाय ने पुलिस के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
- सरकार समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।
- विवाद को सुलझाने के लिए संवाद की आवश्यकता है।
मुंबई, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के मुद्दे पर राजनीति एक बार फिर से गरमाने लगी है। मुंबई में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने की कार्रवाई के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस स्थिति से अवगत कराया गया है। उपमुख्यमंत्री को भी इस मुद्दे के बारे में बताया गया है। अब देखना यह है कि वे इस पर क्या कदम उठाते हैं, लेकिन हम इस मुद्दे पर अधिक विवाद नहीं चाहते हैं।
महाराष्ट्र में मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि उनके मौलानाओं और इमामों को पुलिस की तरफ से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी और एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान समेत कुछ मुस्लिम नेताओं ने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की है।
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने आरोप लगाया कि सभी नियम और कानून केवल मुसलमानों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमने अपनी बात उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सामने रखी है। उन्होंने हमें समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे इसे अपने सहयोगी गठबंधन बीजेपी के सामने कैसे रखते हैं।"
अबू आजमी ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर मामले को तूल देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पूरे देश में अजान होती है, लेकिन मुंबई में सबसे बड़ा विवाद खड़ा होता है। मुंबई में एक व्यक्ति के दबाव के कारण मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है।"
इस दौरान वारिस पठान ने कहा कि कुछ नफरती लोगों की बवाल मचाने की आदत है।
जब अबू आजमी से पूछा गया कि क्या इस बार के मानसून सत्र में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाएंगे, तो उन्होंने तुरंत कहा, "नहीं।" उन्होंने कहा, "हम इस बार मानसून सत्र में इस मुद्दे को नहीं उठाएंगे, क्योंकि जब भी हम इस प्रकार के मुद्दे उठाते हैं, तब विवाद दूसरे तरीके से बढ़ जाता है।"