क्या महाराष्ट्र में मंकीपॉक्स ने दस्तक दी? धुले में मिला पहला मरीज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

Click to start listening
क्या महाराष्ट्र में मंकीपॉक्स ने दस्तक दी? धुले में मिला पहला मरीज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

सारांश

महाराष्ट्र के धुले जिले में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। यह वायरस तेजी से फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। जानिए इस महामारी से कैसे बचें और क्या हैं इसके लक्षण।

Key Takeaways

  • मंकीपॉक्स का पहला मामला धुले में सामने आया है।
  • स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
  • संक्रमण के लक्षणों की पहचान जरूरी है।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।

धुले, १४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दुनियाभर में कहर बरपा रहे मंकीपॉक्स ने अब महाराष्ट्र में भी कदम रख दिया है। राज्य में इस संक्रमण का पहला मामला धुले जिले में सामने आया है, जिससे जिले में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग तुरंत अलर्ट मोड में आ गया है।

२ अक्टूबर को सऊदी अरब से लौटे ४५ वर्षीय एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई। इस मरीज को धुले के सरकारी हिरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां दोनों जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।

चिकित्सा अधिकारी ने मरीज को अलग आइसोलेशन वॉर्ड में स्थानांतरित कर तुरंत इलाज शुरू किया। राहत की बात यह है कि मरीज के परिवार के सदस्यों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने थोड़ी राहत की सांस ली।

बता दें कि मंकीपॉक्स एक बेहद संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकती है। संक्रमित व्यक्ति की त्वचा, कपड़े, बिस्तर या तौलिया के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।

मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक से मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन इसके असर की गंभीरता चेचक से कम होती है। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, कमजोरी और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण नजर आते हैं।

इसके साथ ही शरीर पर दाने या चकत्ते दिखाई देते हैं, जो धीरे-धीरे फफोले में बदल जाते हैं। मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाला वायरस है और कई देशों में इसका कहर देखा गया है।

भारत में अब तक स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और विदेश यात्रा से लौटने के बाद स्वास्थ्य की निगरानी करें। साथ ही संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, बार-बार हाथ धोएं और अपना व्यक्तिगत सामान साझा करने से बचें।

यदि किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जांच कराना जरूरी है। विदेश यात्रा के बाद यदि कोई लक्षण महसूस हों तो स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह के अनुसार मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीन भी लगवाई जा सकती है।

Point of View

मंकीपॉक्स का महाराष्ट्र में आना एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें अपनी स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती और प्रभावी जागरूकता अभियान की आवश्यकता है। समाज को सावधान रहना चाहिए और सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
मंकीपॉक्स के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हैं।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की त्वचा, कपड़े, बिस्तर या तौलिया के संपर्क में आने से फैल सकता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय क्या हैं?
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और बार-बार हाथ धोएं।
क्या मंकीपॉक्स के लिए कोई वैक्सीन है?
जी हाँ, डॉक्टर की सलाह के अनुसार मंकीपॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाई जा सकती है।
क्या विदेश यात्रा के बाद स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए?
हाँ, विदेश यात्रा के बाद यदि कोई लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।