क्या महाराष्ट्र में ओबीसी नेताओं की सरकार के साथ बैठक से समस्याओं का समाधान होगा?

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क्या महाराष्ट्र में ओबीसी नेताओं की सरकार के साथ बैठक से समस्याओं का समाधान होगा?

सारांश

क्या ओबीसी समाज की 12 प्रमुख मांगों को लेकर होने वाली बैठक सरकार के लिए निर्णायक साबित होगी? जानिए बबनराव तायवाडे और अन्य नेताओं की आवाज़। क्या यह बैठक ओबीसी कल्याण के लिए एक नई दिशा देगी?

Key Takeaways

  • ओबीसी समाज की 12 मांगों पर चर्चा होगी।
  • बैठक में प्रमुख सचिवों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है।
  • मंत्री अतुल सावे ने आश्वासन दिया है कि मांगें पूर्ण की जाएंगी।
  • ओबीसी महामोर्चा अक्टूबर में नागपुर में होगा।
  • सरकार की नीतियों पर ओबीसी संगठनों का उठता सवाल।

मुंबई, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में ओबीसी समाज की मांगों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि मंगलवार को मुंबई में सरकार के साथ उनकी बैठक होने जा रही है, जिसमें ओबीसी की 14 में से 12 मांगों को लागू करने की तारीख और प्रक्रिया पर चर्चा होगी। यह बैठक ओबीसी कल्याण मंत्री अतुल सावे की मध्यस्थता में होगी, जिसमें संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी उपस्थित रहेंगे।

तायवाडे ने कहा, "जब मंत्री अतुल सावे नागपुर में हमारे अनशन को खत्म कराने आए थे, तब उन्होंने 12 मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को बैठक में यह तय होगा कि ये मांगें कब और कैसे लागू होंगी। हमारी मांगों से संबंधित विभागों के प्रधान सचिवों की उपस्थिति में शासन निर्णय की तारीख फाइनल की जाएगी।"

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को हुई ओबीसी बैठक में ऐलान किया कि अक्टूबर में नागपुर में ओबीसी समाज का महामोर्चा निकाला जाएगा। इस पर बबनराव तायवाडे ने कहा, "मैं चाहता हूं कि ओबीसी समाज में सौ-दो सौ ऐसे नेता हों, जो अपने-अपने जिलों में बड़े मोर्चे निकालें। इससे सोया हुआ ओबीसी समाज जागृत होगा। जो लोग अपने आपको ओबीसी नेता कहते हैं, उन्हें मैदान में उतरकर संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।"

वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण देने के लिए दूसरी जीआर से 'पात्र' शब्द हटाकर मूल ओबीसी के हकों पर आघात किया है। इस पर तायवाडे ने असहमति जताते हुए कहा, "मैं इस मत से सहमत नहीं हूं। 'पात्र' शब्द का मतलब है कि मराठा समाज के जिन लोगों की वंशावली में किसी रिश्तेदार के पास कुनबी प्रमाणपत्र है, सिर्फ वही लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर वंशावली में कुनबी प्रमाणपत्र नहीं है, तो वे आवेदन नहीं कर सकते। यह प्रावधान 2000, 2012 और 2024 के अधिनियमों में स्पष्ट है।"

कई ओबीसी संगठनों का दावा है कि मूल ओबीसी के अधिकार खतरे में हैं। इस पर तायवाडे ने कहा, "अगर कोई कहता है कि ओबीसी के अधिकार खतरे में हैं, तो उन्हें विस्तार से बताना चाहिए कि कैसे। मैं हमेशा तथ्यों के साथ अपनी बात रखता हूं। मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की मांग को आंदोलनकारियों ने खुद पीछे लिया है। जीआर में सिर्फ वही प्रावधान है, जो पहले से था, यानी वंशावली में कुनबी प्रमाणपत्र वाले रिश्तेदारों के आधार पर ही प्रमाणपत्र मिलेगा।"

इस बीच, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "नागपुर में बबनराव तायवाडे के आंदोलन के बाद मंत्री अतुल सावे ने बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया था। सुबह 11 बजे मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक होगी, जिसमें छगन भुजबळ, पंकजा मुंडे, गुलाबराव पाटिल, दत्तात्रय भरणे और अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे। इस बैठक में ओबीसी समाज की मांगों, शंकाओं और भ्रमों पर चर्चा होगी।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर छगन भुजबल न्यायालय गए, तो यह उनका निर्णय है, लेकिन उपसमिति में उनकी शंकाओं को सुना जाएगा। अगर किसी को लगता है कि ओबीसी समाज पर अन्याय हो रहा है, तो वे उपसमिति के सामने अपनी बात रख सकते हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।"

Point of View

NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

ओबीसी नेताओं की बैठक कब होने वाली है?
बैठक मंगलवार को मुंबई में होगी।
इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी?
बैठक में ओबीसी की 14 में से 12 मांगों को लागू करने की तारीख और प्रक्रिया पर चर्चा होगी।
बैठक में कौन-कौन शामिल होगा?
बैठक में ओबीसी कल्याण मंत्री अतुल सावे और संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद रहेंगे।
ओबीसी समाज के लिए यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण है?
यह बैठक ओबीसी समाज की मांगों को सुनने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने क्या कहा?
विजय वडेट्टीवार ने ओबीसी समाज का महामोर्चा अक्टूबर में नागपुर में निकालने की घोषणा की।