क्या अदालत ने हमारी बेगुनाही पर मुहर लगाई, क्या सच्चाई की हुई जीत? : समीर कुलकर्णी

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क्या अदालत ने हमारी बेगुनाही पर मुहर लगाई, क्या सच्चाई की हुई जीत? : समीर कुलकर्णी

सारांश

मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी करने का एनआईए कोर्ट का फैसला, क्या यह सच्चाई की जीत है? समीर कुलकर्णी का बयान, पूर्व मेजर का न्याय प्रणाली पर भरोसा, और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया पर चर्चा।

Key Takeaways

  • एनआईए कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी किया।
  • समीर कुलकर्णी और अन्य ने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया।
  • सच्चाई की जीत और न्याय का महत्व।
  • मालेगांव विस्फोट मामले में साजिश का आरोप।
  • पूर्व मेजर ने न्याय प्रणाली पर विश्वास जताया।

मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले पर आरोपी समीर कुलकर्णी ने कहा कि आज हमारे और हमारे परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। अदालत ने हमारी बेगुनाही पर मुहर लगा दी है, जिसे हम पहले दिन से जानते थे।

उन्होंने आगे कहा कि अब हमारी बेगुनाही देश के सामने आ गई है। हमें एक साजिश के तहत इस मामले में फंसाया गया था और आज हमें न्याय मिला है। हम न्यायपालिका का आभार व्यक्त करते हैं। कांग्रेस पार्टी को इस साजिश के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं बरी हुए सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय ने कहा कि हमें न्याय प्रणाली पर भरोसा था और आज सच्चाई की जीत हुई है।

उन्होंने कहा, "मैं भारतीय न्यायपालिका और अदालत का बहुत आभारी हूं। उन्होंने न्याय में मेरे विश्वास को बरकरार रखा और हमें बाइज़्ज़त बरी किया। हम न्यायपालिका, भारत की जनता और वकीलों के आभारी हैं। आज कोर्ट ने सच्चाई पर मुहर लगाई है। पिछली सरकार ने चुनावी राजनीति के लिए हमें फंसाया, जो आरोप हमारे ऊपर लगे थे, वो एनआईए सिद्ध नहीं कर पाई और कोर्ट ने भी वही कहा है।

वहीं कर्नल प्रसाद पुरोहित के पड़ोसी अंकुश मोहोल ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है। मैं उन्हें 25-30 सालों से जानता हूं। मैंने हमेशा कहा कि आज या कल, किसी दिन वे बरी हो जाएंगे। साजिश के तहत इस मामले को उछाला गया था और हमें बेहद खुशी है कि इस मामले में आज न्याय मिला है और सत्य की जीत हुई है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।"

वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सातों आरोपियों को बरी किए जाने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह मामला ही गलत था, इन सभी को बहुत पहले ही बरी कर दिया जाना चाहिए था। आज का फैसला स्वागत योग्य है। पूरा मामला तत्कालीन सरकार के इशारे पर आगे बढ़ा था, लेकिन आज के फैसले से न्याय की जीत हुई है।

मालेगांव विस्फोट मामले में सात आरोपियों को न्याय मिलने पर महंत महादेव दास बाबा ने कहा कि यह हर्ष, उत्साह और खुशी की बात है कि आज साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को न्याय मिला है।

Point of View

जिसमें आरोपियों ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कई साल संघर्ष किया। न्यायपालिका का यह फैसला न केवल आरोपियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि सच्चाई और न्याय की हमेशा जीत होती है।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

मालेगांव विस्फोट मामला क्या है?
यह मामला 2006 में मालेगांव में हुए बम विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें कई लोग घायल और मृत हुए थे। इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया गया था।
अदालत ने आरोपियों को क्यों बरी किया?
अदालत ने यह पाया कि एनआईए आरोपों को सिद्ध करने में असफल रही और इसलिए सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।