क्या हरियाणा पुलिस अधिकारी आत्महत्या मामले में मायावती ने सख्त सजा की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा के पुलिस अधिकारी की आत्महत्या ने जातिवाद के मुद्दे को उजागर किया।
- मायावती ने सख्त सजा की मांग की है।
- सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।
- जातिवाद से जुड़ी समस्याएं अभी भी समाज में व्याप्त हैं।
- सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
लखनऊ, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को हरियाणा राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा आत्महत्या की घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है, ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं भविष्य में न हों।
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि हरियाणा के आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, जिनकी पत्नी भी एक उच्च रैंक की आईएएस अधिकारी हैं, ने जातिवादी शोषण और प्रताड़ना के कारण आत्महत्या की। यह घटना पूरे देश को झकझोरने वाली है, विशेषकर दलित और बहुजन समाज के लोगों के लिए।
उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि एक सभ्य सरकार के लिए शर्मनाक भी है। यह दिखाता है कि जातिवाद, जो शासन-प्रशासन में हावी है, को रोकने में सरकारें असफल रही हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज को शर्मिंदा करने वाली ऐसी घटनाएं न हों।
मायावती ने कहा कि हरियाणा सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे लीपापोती करने के प्रयास नहीं करने चाहिए। जांच में खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से भी उचित संज्ञान लेने का आग्रह किया।
बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसी घटनाओं से उन लोगों को सीख लेनी चाहिए जो एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़ते हैं। जातिवाद धन और पद पाने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ता, और ऐसे मामलों का ताजा उदाहरण हरियाणा की यह घटना है।