क्या 'मिसिंग लिंक परियोजना' से मुंबई-पुणे के बीच की दूरी कम होगी?

सारांश
Key Takeaways
- मुंबई-पुणे यात्रा का समय आधा घंटा कम होगा।
- तीन सुरंगों में से एक होगी देश की सबसे लंबी सुरंग।
- 185 मीटर ऊँचा पुल बनेगा, जो होगा सबसे ऊँचा पुल।
- परियोजना से प्रदूषण में कमी आएगी।
- यह परियोजना अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर बनाई जा रही है।
मुंबई, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को जानकारी दी कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर चल रहे 'मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट' से मुंबई और पुणे के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा।
उन्होंने कहा, "यह एक्सप्रेसवे जब तैयार होगा, तो यह एक सरल यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इस परियोजना में कुल तीन सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से एक सुरंग की लंबाई 9 किलोमीटर और चौड़ाई 23 मीटर होगी, जिससे यह देश की सबसे लंबी सुरंग बनेगी और समृद्धि राजमार्ग सुरंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी।"
मुख्यमंत्री फडणवीस ने उल्लेख किया कि 185 मीटर ऊँचा पुल भी बनाया जा रहा है, जो अब तक का सबसे ऊँचा पुल होगा और यह एक अद्वितीय उपलब्धि के रूप में जाना जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर 'मिसिंग लिंक परियोजना' का निरीक्षण करने के बाद, इसे एक इंजीनियरिंग चमत्कार की संज्ञा दी। इस परियोजना की वजह से पुणे और मुंबई के बीच यात्रा का समय लगभग आधा घंटा कम हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा इस परियोजना का कार्य बहुत अच्छी तरह से प्रगति पर है।"
उन्हें यह भी बताया गया कि 94 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी जल्दी ही पूरा होगा। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे इंजीनियरों और श्रमिकों की सराहना की।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि 'मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट' अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से निर्मित हो रहा है और यह एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की संभावना रखता है। इसके आरंभ होने पर मुंबई-पुणे के बीच यात्रा का समय आधा घंटा घट जाएगा, घाट खंड में ट्रैफिक की समस्या को हल करेगा और दुर्घटनाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। यह परियोजना ईंधन की बचत, प्रदूषण में कमी और देश तथा महाराष्ट्र में विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी।