क्या सीएम योगी के नेतृत्व में मिशन कर्मयोगी अभियान ने कर्मचारियों को दक्ष बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- 3,900 कर्मचारी पंजीकृत हुए हैं।
- 21,150 कोर्स पूरे किए गए हैं।
- प्रशिक्षण से गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
- डिजिटल गवर्नेंस नीति का लाभ मिल रहा है।
- सार्वजनिक सेवाएं पारदर्शी और तेज हो रही हैं।
लखनऊ, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक दक्षता और सुशासन के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। समाज कल्याण विभाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल ‘मिशन कर्मयोगी अभियान’ को पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कार्य कौशल को उन्नत कर रहे हैं, जिससे जनता को पारदर्शी, तेज और प्रभावी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि सितंबर 2025 तक विभाग के 3,900 अधिकारी, नियमित/संविदा कर्मचारी और शिक्षक 'आईजीओटी कर्मयोगी' पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। अब तक इन्होंने 21,150 कोर्स पूरे किए हैं, जिसमें कुल 15,893 घंटे का प्रशिक्षण शामिल है।
आंकड़ों के अनुसार, 2,759 कर्मचारियों ने कम से कम एक कोर्स पूरा किया है। वहीं, 2,289 कर्मचारियों ने तीन या अधिक कोर्स पूरे किए हैं। इसके अतिरिक्त, 1,611 कर्मचारी तीन से कम कोर्स तक सीमित रहे हैं और 1,141 अभी प्रशिक्षण पूरा करने की प्रक्रिया में हैं।
मंत्री असीम अरुण ने बताया कि मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। इस प्रशिक्षण से सरकारी कर्मचारियों में नई कार्यशैली, नीति निर्माण की समझ और प्रबंधन कौशल विकसित हो रहे हैं, जिससे जनता को अधिक गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी।
'आईजीओटी कर्मयोगी' प्रशिक्षण कार्यक्रम में ऐसे विषय शामिल हैं जो कर्मचारियों को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनाते हैं, बल्कि उन्हें कार्यस्थल पर सकारात्मक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए भी प्रेरित करते हैं। मुख्य कोर्स में शामिल 'योग ब्रेक एट वर्कप्लेस' तनाव-मुक्त और उत्पादक कार्य संस्कृति को बढ़ावा देता है। वहीं, पोश एक्ट 2013 कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा को जागरूक करता है। 'प्रोक्योरमेंट प्रोसेस ऑन जीईएम' पारदर्शी क्रय प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए लागू है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020, 'बेसिक ऑफ एआई', और शिक्षा का अधिकार (आरटीआई) एक्ट नीति, तकनीक और पारदर्शिता के आयामों को समझने हेतु है।
राज्य सरकार की डिजिटल गवर्नेंस नीति के अंतर्गत मिशन कर्मयोगी जैसे अभियानों से न केवल सरकारी कामकाज की गति बढ़ रही है, बल्कि जवाबदेही और नागरिक संतोष में भी उल्लेखनीय सुधार आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी विभागों को 'आईजीओटी कर्मयोगी' पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से जारी है, ताकि प्रशासन जनता के लिए अधिक सुलभ और जवाबदेह बने।