क्या मोदी सरकार भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के मिशन पर अडिग है? : मनसुख मांडविया

सारांश
Key Takeaways
- खेलो भारत नीति-2025 का उद्देश्य जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सभी समूहों के लिए खेल कार्यक्रम विकसित करना है।
- यह नीति बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और प्रतिभा की खोज पर केंद्रित है।
- खेल को आर्थिक विकास के लिए एक साधन के रूप में देखा जा रहा है।
- सामाजिक विकास के लिए खेलों का महत्व बढ़ाया गया है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत खेल और शिक्षा का एकीकरण किया जाएगा।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को 'खेलो भारत नीति-2025' पर युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की। उन्होंने यह दोहराया कि मोदी सरकार देश को एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के अपने मिशन पर दृढ़ है।
बैठक के बाद खेल मंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "आज नई दिल्ली में 'खेलो भारत नीति-2025' पर युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की। मोदी सरकार भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परिवर्तनकारी नीति का उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को विकसित करना, बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना और पूरे देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है।"
भारत सरकार ने जुलाई 2025 में 'खेलो भारत नीति 2025' का शुभारंभ किया था। यह नीति पाँच स्तंभों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य देश के खेल परिदृश्य में सुधार करना है।
पहला स्तंभ बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाकर वैश्विक स्तर पर देश की उत्कृष्टता को प्राप्त करने पर केंद्रित है। दूसरा स्तंभ खेल, विनिर्माण, पर्यटन और खेल प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों को आर्थिक विकास के लिए बढ़ावा देने पर जोर देता है।
तीसरा स्तंभ खेल के माध्यम से सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हुए समावेशिता, स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देता है। चौथा स्तंभ खेल को सांस्कृतिक आधार के रूप में देखते हुए समुदायों को शारीरिक गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश करता है।
पाँचवाँ स्तंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप खेल और शिक्षा के एकीकरण पर जोर देता है, ताकि छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
इस नीति के प्रमुख लक्ष्यों में जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सभी समूहों के लिए व्यापक खेल कार्यक्रम स्थापित करना है। इसके साथ ही, खेल क्षेत्र में शासन और संस्थागत ढाँचे को मजबूत करने के लिए वित्त पोषण तंत्र में सुधार करना भी शामिल है।