क्या सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने वित्त मंत्री से एनआरआई के लिए सोने के आभूषण नियमों में स्पष्टता की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने सीमा शुल्क नियमों में सुधार की मांग की।
- महिलाओं के लिए ४० ग्राम और पुरुषों के लिए २० ग्राम की सीमा है।
- सोने की कीमतों के असंतुलन ने यात्रियों के लिए समस्याएँ उत्पन्न की हैं।
- स्पष्टता लाने के लिए मूल्य सीमा हटाने का सुझाव दिया गया है।
- सरकार से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजते हुए एनआरआई द्वारा लाए जाने वाले सोने के आभूषणों से संबंधित सीमा शुल्क नियमों में मौजूदा अस्पष्टता को दूर करने की आवश्यकता जताई है।
उन्होंने वर्तमान नियमों में सुधार की मांग की, ताकि स्वदेश लौटने वाले प्रवासी भारतीयों को होने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सके।
वर्तमान में, महिला यात्रियों को ४० ग्राम और पुरुष यात्रियों को २० ग्राम तक सोने के आभूषण बिना शुल्क के लाने की अनुमति है, जिनकी मूल्य सीमा क्रमशः १,००,००० रुपये और ५०,००० रुपये है। ये सीमाएं २०१६ में निर्धारित की गई थीं, जब सोने की कीमत लगभग २,५०० रुपये प्रति ग्राम थी। लेकिन अब सोने की कीमत ११,००० रुपये प्रति ग्राम से अधिक हो गई है। इस कारण वजन और मूल्य सीमा के बीच असंतुलन ने यात्रियों के लिए भ्रमित कर देने वाली स्थिति उत्पन्न कर दी है। सीमा शुल्क चौकियों पर विवादों की संख्या बढ़ गई है, जिससे एनआरआई को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डॉ. ब्रिटास ने पत्र में सुझाव दिया कि मूल्य सीमा को पूरी तरह से समाप्त किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि २० ग्राम (पुरुषों) और ४० ग्राम (महिलाओं) की वजन सीमा को ही मानक माना जाए, चाहे सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो। इससे नियमों में स्पष्टता आएगी और यात्रियों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन न केवल प्रवासी भारतीयों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि सीमा शुल्क अधिकारियों और यात्रियों के बीच विवादों को भी कम करेगा। इस कदम से नियमों में अधिक निष्पक्षता और पारदर्शिता आएगी। वित्त मंत्रालय से इस मांग पर शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है, ताकि एनआरआई को राहत मिल सके।