क्या सांसद रविंद्र वायकर का सरकारी सिम कार्ड का दुरुपयोग हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- सांसद रविंद्र वायकर का सरकारी सिम कार्ड दुरुपयोग का मामला।
- पुलिस ने जांच शुरू की है।
- गुम सिम कार्ड का दुरुपयोग एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा किया गया।
- आरोपी की पहचान की गई है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है।
- जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस ने शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद रविंद्र वायकर को आधिकारिक रूप से जारी सरकारी सिम कार्ड के दुरुपयोग से संबंधित एक मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।
पुलिस के अनुसार, यह सिम कार्ड सांसद के संसदीय कार्यालय के नाम पर जारी किया गया था, लेकिन इसे एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल करने का आरोप है।
सांसद के निजी सहायक स्वप्निल अरुण कुलकर्णी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि सांसद के अंधेरी पूर्व स्थित कालातरु को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में निवास स्थान पर शिफ्टिंग के दौरान यह सिम कार्ड खो गया था। बाद में यह पता चला कि गुम हुआ सिम कार्ड अभी भी सक्रिय है और इसका दुरुपयोग हो रहा है।
पुलिस ने एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 204 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि अक्टूबर 2024 से नवंबर 2025 के बीच आरोपी प्रभात नसरिन ने इस सिम कार्ड का दुरुपयोग किया। आरोपी पर सार्वजनिक सेवक होने का झूठा प्रभाव बनाने का आरोप भी है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह सिम कार्ड केवल आधिकारिक संसदीय कार्यों के लिए जारी किया गया था, लेकिन प्रारंभिक जांच में इसके अनधिकृत उपयोग के संकेत मिले हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने गुम सिम कार्ड का उपयोग किया या उसी मोबाइल नंबर को किसी अन्य सिम पर सक्रिय कराया।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड्स, सर्विस प्रोवाइडर लॉग्स और तकनीकी डेटा की जांच शुरू की है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि सिम का दुरुपयोग कैसे और किन उद्देश्यों से किया गया।
फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और आरोपी की भूमिका, पहचान के दुरुपयोग और किसी संभावित अवैध गतिविधि की भी पड़ताल की जा रही है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।