क्या एनआईए ने ‘डंकी’ मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- गगनदीप सिंह ने 100 से अधिक लोगों को अवैध रूप से अमेरिका भेजा।
- ‘डंकी रूट’ मानव तस्करी का एक खतरनाक मार्ग है।
- पीड़ितों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
- हवाला के माध्यम से पैसे लेन-देन किया जाता है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी के बाद ‘यू.एस. डंकी रूट’ के माध्यम से मानव तस्करी में संलिप्त दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के निवासी सनी उर्फ सनी और पंजाब के रोपड़ निवासी शुभम संधाल उर्फ दीप हुंडी के रूप में हुई है।
शुभम वर्तमान में दिल्ली के पीरागढ़ी में निवास कर रहा था। ये दोनों मार्च में गिरफ्तार गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी के सहायक थे। एनआईए ने यह कार्रवाई एक पीड़ित की शिकायत के आधार पर की, जिसे अवैध रूप से अमेरिका भेजा गया था और फरवरी 2025 में भारत लौटा दिया गया।
जांच में यह पता चला कि गगनदीप प्रत्येक पीड़ित से वैध वीजा का वादा कर 45 लाख रुपये की मांग करता था, लेकिन उन्हें स्पेन, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला और मैक्सिको जैसे देशों के खतरनाक ‘डंकी’ मार्ग के जरिए अमेरिका भेजता था।
उसने 100 से अधिक लोगों को इस तरह से तस्करी कर भेजा। सनी गगनदीप का मुख्य सहयोगी था और पीड़ितों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में शामिल था। इस दौरान पीड़ितों को डोंकर्स और एजेंटों द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। शुभम हवाला के माध्यम से लैटिन अमेरिका में डोंकर्स को पैसे भेजने का कार्य करता था।
एनआईए ने 27 जून 2025 को गगनदीप के खिलाफ दिल्ली के तिलक नगर में मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने 13 मार्च 2025 को पंजाब पुलिस से यह मामला अपने हाथ में लिया। एनआईए अब इस अवैध तस्करी रैकेट और साजिश के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए जांच जारी रखे हुए है।
यह उल्लेखनीय है कि ‘डंकी रूट’ एक अवैध मानव तस्करी मार्ग है, जिसका उपयोग लोगों को गैरकानूनी तरीके से एक देश से दूसरे देश, विशेषकर अमेरिका, कनाडा या यूरोप में ले जाने के लिए किया जाता है। यह शब्द पंजाबी शब्द ‘डंक’ से निकला है, जिसका अर्थ है छलांग लगाना या सीमा पार करना। इस मार्ग में तस्कर लोगों को वीजा का झांसा देकर मोटी रकम वसूलते हैं और उन्हें खतरनाक रास्तों से विदेश भेजते हैं। इसमें कई देशों, जैसे मैक्सिको, ग्वाटेमाला, स्पेन, या लैटिन अमेरिकी देशों, के रास्ते शामिल होते हैं। यात्रा के दौरान पीड़ितों को जंगलों, रेगिस्तानों, या समुद्री रास्तों से गुजरना पड़ता है, जहां उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ सकता है। तस्कर अक्सर हवाला के माध्यम से पैसे लेन-देन करते हैं और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करते हैं।