क्या यूपी में नेम प्लेट पर दिनेश यादव निरहुआ ने पहचान बताने को गर्व कहा?

सारांश
Key Takeaways
- पहचान पर गर्व करना चाहिए।
- भोजपुरी सिनेमा में बदलाव की आवश्यकता है।
- भाषा विवाद के पीछे राजनीति का हाथ है।
- हर व्यक्ति को अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए।
- फिल्म 'हमार नाम बा कन्हैया' परिवार के लिए उपयुक्त है।
गोरखपुर, ५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आजमगढ़ के पूर्व सांसद और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता-सिंगर दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने शनिवार को अपनी फिल्म 'हमार नाम बा कन्हैया' के प्रमोशन के लिए यूपी के गोरखपुर की यात्रा की। यहाँ उन्होंने कहा कि यह फिल्म परिवार के साथ देखने लायक है। उन्हें यहाँ सभी लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने भाषा विवाद और नेम प्लेट पर भी अपने विचार साझा किए।
दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने बताया कि भोजपुरी सिनेमा में बदलाव की मांग उठ रही थी। इस पर हमने गंभीरता से विचार किया और सही निर्णय लिया। जब पूरी दुनिया और सिनेमा बदल रहे हैं, तो भोजपुरी सिनेमा को भी बदलाव की आवश्यकता है। इस संदर्भ में हम फिल्म 'हमार नाम बा कन्हैया' लेकर आए हैं। इस फिल्म पर न केवल भोजपुरी दर्शकों का, बल्कि हिन्दी, तमिल और मराठी इंडस्ट्री के लोगों का भी सकारात्मक रिएक्शन आया है।
उन्होंने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गंदी राजनीति है। भाषा के नाम पर गरीब लोगों में नफरत फैलाना अनुचित है। भोजपुरी बोलने वाले जानते हैं कि मराठी भी एक सुन्दर भाषा है और महाराष्ट्र के लोग भी भोजपुरी की खूबसूरती को समझते हैं। यदि कोई व्यक्ति कई भाषाएं सीखता है तो यह उसकी क्षमता पर निर्भर करता है, इसे किसी पर थोपना नहीं चाहिए।
निरहुआ ने कांवड़ यात्रा के संदर्भ में कहा कि यह सही है कि हर जगह नेम प्लेट होनी चाहिए। मैं मानता हूँ कि हर व्यक्ति के लिए अपनी पहचान बताना गर्व की बात होनी चाहिए। यदि हम यूपी में यादव परिवार में जन्में हैं और भोजपुरी बोलते हैं, तो यह हमारे लिए गर्व का विषय है। लोगों को गर्व से बताना चाहिए कि उनका नाम क्या है।