क्या ओडिशा के प्रशासनिक अधिकारी पर हमले के विरोध में अंगुल जिले के अधिकारी सामूहिक अवकाश पर गए?

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा में प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
- सामूहिक अवकाश से प्रशासनिक कामकाज में ठहराव आया है।
- सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की गई है।
- अधिकारियों ने अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है।
- सरकार को त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
अंगुल, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर साहू पर हुए हमले के खिलाफ अंगुल जिले के सभी ओएएस (ओडिशा प्रशासनिक सेवा) और ओआरएस (ओडिशा राजस्व सेवा) अधिकारी बुधवार को सामूहिक अवकाश पर चले गए।
यह निर्णय ओएएस एसोसिएशन की आपातकालीन बैठक में लिया गया, जिसमें इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गई। अधिकारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से जिले में प्रशासनिक कामकाज ठप हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
एसोसिएशन ने कहा कि यह हमला केवल एक अधिकारी पर नहीं, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर है। उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और घोषणा की है कि जब तक ऐसी कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। एसोसिएशन ने सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों की सुरक्षा में कमी पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानूनों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
ओएएस और ओआरएस अधिकारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से जिले में विकास और राजस्व से जुड़ी गतिविधियां बाधित हो गई हैं। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) से लेकर उप-कलेक्टर और तहसीलदार के कार्यालय बंद हो गए हैं या बहुत कम काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने आंतरिक बैठकें भी बुलाई हैं और चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) के वरिष्ठ अधिकारी और भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू को सोमवार को कुछ लोगों ने कथित तौर पर उनके कार्यालय से खींचकर उनके साथ मारपीट की। साहू ने खारवेलनगर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।