क्या पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में जमीन मुआवजे के लिए प्रदर्शन जारी रहेगा?

Click to start listening
क्या पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में जमीन मुआवजे के लिए प्रदर्शन जारी रहेगा?

सारांश

खैबर-पख्तूनख्वा में प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है, जो मुआवजे की मांग कर रहे हैं। क्या यह संकट और बढ़ेगा? जानिए इस गंभीर स्थिति के पीछे की वजह।

Key Takeaways

  • प्रदर्शनकारियों ने मुआवजे की मांग की है।
  • काराकोरम राजमार्ग पर नाकेबंदी से खाद्यान्न की कमी।
  • स्थानीय प्रशासन का मुआवजे के लिए बकाया।
  • महंगाई में वृद्धि हो रही है।
  • प्रदर्शनकारी अपनी मांगें पूरी करने तक धरना जारी रखेंगे।

इस्लामाबाद, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में हरबन के निवासियों ने रविवार को लगातार सातवें दिन काराकोरम राजमार्ग (केकेएच) को जाम कर रखा है। इस दौरान सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। स्थानीय लोग डायमर-बाशा बांध परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के लिए त्वरित और अधिक मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, हरबन नाले के नजदीक धरने के कारण गिलगित-बाल्टिस्तान को बाकी पाकिस्तान से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे खाद्यान्न और दवाओं की गंभीर कमी हो गई है और माल से लदे सैकड़ों ट्रक फंस गए हैं।

प्रमुख पाकिस्तानी दैनिक 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (डब्ल्यूएपीडीए) और खैबर-पख्तूनख्वा प्रशासन पर मुआवजा भुगतान के अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारी भूमि ले ली गई है, मूल्य अनुचित है और भुगतान में वर्षों से देरी हो रही है।"

कोहिस्तान जिला प्रशासन और डब्ल्यूएपीडीए के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि मुआवजे के कुल में लगभग 3 अरब रुपये बकाया हैं, जिसमें से लगभग 2 अरब रुपये पहले ही डिप्टी कमिश्नर के खाते में स्थानांतरित किए जा चुके हैं। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शेष राशि जारी कर दी जाएगी।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लंबे समय से जारी नाकेबंदी के कारण प्याज और टमाटर जैसी आवश्यक सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि बाबूसर दर्रे से गुजरने वाले वाहनों ने अत्यधिक किराया वसूल किया है, जिससे पहले से ही महंगाई बढ़ गई है।

व्यापारी और ट्रांसपोर्टर हर गुजरते दिन भारी नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं। नागरिक समूहों ने इस मुद्दे पर खैबर-पख्तूनख्वा सरकार की चुप्पी की आलोचना की है और संकट से निपटने में राज्य के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने की कसम खाई है। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने संघीय और प्रांतीय अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने, बातचीत करने और रणनीतिक राजमार्ग पर यातायात बहाल करने का आग्रह किया है।

Point of View

हमें हमेशा अपने देशवासियों की समस्याओं का समाधान निकालने की दिशा में सोचना चाहिए। खैबर-पख्तूनख्वा में जमीन मुआवजे का मुद्दा गंभीर है और इसे संबोधित करना आवश्यक है। इस संकट का प्रभाव न केवल स्थानीय निवासियों पर बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रदर्शन का कारण क्या है?
प्रदर्शन का कारण डायमर-बाशा बांध परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए उचित मुआवजे की मांग है।
इस नाकेबंदी का प्रभाव क्या है?
नाकेबंदी के कारण खाद्य सामग्री और दवाओं की कमी हो रही है और महंगाई बढ़ रही है।
स्थानीय प्रशासन का क्या कहना है?
स्थानीय प्रशासन ने स्वीकार किया है कि मुआवजे के लिए लगभग 3 अरब रुपये बकाया हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांगें क्या हैं?
प्रदर्शनकारी अपनी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने की घोषणा कर चुके हैं।
क्या सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे प्रदर्शनकारी और अधिक नाराज हैं।