क्या पलामू के मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन तानाशाही के खिलाफ है?

सारांश
Key Takeaways
- जूनियर डॉक्टरों ने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई।
- प्रदर्शन के दौरान ओपीडी सेवाएं ठप रहीं।
- प्रिंसिपल ने छात्रों का सस्पेंशन रद्द किया।
- बुनियादी सुविधाओं की समस्या पर छात्रों ने पत्र लिखा।
पलामू, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू स्थित मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने प्रिंसिपल और प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सुबह १० बजे से लेकर दोपहर २ बजे तक अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय को घेरे रखा।
इस दौरान अस्पताल की ओपीडी सेवाएं भी ठप हो गईं। जूनियर डॉक्टर कॉलेज प्रबंधन की ओर से अनुशासनहीनता के आरोप में दो छात्रों को सस्पेंड करने और उन पर जुर्माना लगाने का विरोध कर रहे थे।
उनका कहना था कि जब छात्र कॉलेज परिसर में बुनियादी सुविधाओं की मांग करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासन के नाम पर कार्रवाई की जाती है। यह तानाशाही है, जो किसी हाल में स्वीकार्य नहीं होगी।
उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। आंदोलित छात्रों के हंगामे को शांत कराने के लिए पुलिस-प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। बाद में प्रिंसिपल डॉ. पीएन महतो ने छात्रों से वार्ता की। उन्होंने दोनों छात्रों का निलंबन रद्द करने और उन पर लगाया गया जुर्माना वापस लेने की घोषणा की।
प्रिंसिपल का कहना था कि कॉलेज परिसर में बगैर हेलमेट लगाए बाइक चलाने और ट्रिपल लोडिंग के कारण दोनों छात्रों को निलंबित किया गया है। यह फैसला जूनियर डॉक्टरों के ही हक में लिया गया था, क्योंकि हेलमेट न पहनने से हादसे में जान जाने का खतरा बना रहता है। हाल में एक डॉक्टर की हेलमेट न पहनने से दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
छात्रों का निलंबन वापस होने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने प्रदर्शन स्थगित कर दिया, लेकिन उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के नाम एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि जब वे कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं की मांग उठाते हैं तो प्रबंधन उनका करियर खत्म करने की धमकी देता है।