क्या पश्चिम बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी को अराजकता का प्रतीक माना जा रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी पर भाजपा नेताओं के गंभीर आरोप।
- पश्चिम बंगाल की राजनीति में नई हलचल।
- अवैध घुसपैठियों की समस्या पर चर्चा।
- चुनाव आयोग के काम में बाधा डालने के आरोप।
- राजनीतिक विवाद की बढ़ती गर्मी।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया वक्तव्य के बाद से राष्ट्रीय राजनीति में सियासी हलचल में तेजी आई है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने ममता पर अवैध घुसपैठ, चुनाव प्रक्रिया और प्रशासनिक अराजकता जैसे गंभीर मुद्दों पर तीखे हमले किए हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन अब अनिवार्य है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा, "अब ममता सरकार गिरने वाली है। आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई होगी। अवैध घुसपैठियों को हटाया जाएगा और भविष्य में पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एनआरसी भी लागू होगा।"
गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को अवैध घुसपैठ का केंद्र बनने दे रही हैं। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या समेत बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को न केवल शरण दी जा रही है, बल्कि उन्हें आधिकारिक दस्तावेज भी दिए जा रहे हैं, जिससे वे देश के विभिन्न हिस्सों में फैल रहे हैं। बंगाल सरकार अवैध घुसपैठियों के सहारे चल रही है और संविधान और हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का कार्य कर रही है।
दूसरी ओर, भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने ममता बनर्जी पर चुनाव आयोग के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी का व्यवहार मूर्खतापूर्ण है। ईसी का काम है। अगर कोई भी चुनाव आयोग के काम में दखल देगा, तो कानून अपना काम करेगा, चाहे वो कोई भी हो।"
वहीं, बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने ममता बनर्जी पर अराजकता बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी अराजकता का प्रतीक बन चुकी हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों के सहारे सरकार चलाने की कोशिश अब असफल होने वाली है।"
हालांकि, ममता बनर्जी की तरफ से इन आरोपों पर कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है। बंगाल की राजनीति एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर गर्म हो गई है।