क्या नौसैनिक बेड़े में शामिल होगा पहला स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट ‘डीएससी ए-20’?

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क्या नौसैनिक बेड़े में शामिल होगा पहला स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट ‘डीएससी ए-20’?

सारांश

भारतीय नौसेना अपने पहले स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट डीएससी ए-20 को 16 दिसंबर को शामिल करने जा रही है। यह पोत अपनी विशेषताओं के कारण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके कैटामरन डिजाइन और विश्वस्तरीय डाइविंग सिस्टम इसे बेहद प्रभावशाली बनाते हैं।

Key Takeaways

  • डीएससी ए-20 भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट है।
  • इसका कैटामरन हुल डिजाइन इसे स्थिरता प्रदान करता है।
  • कोच्चि में 16 दिसंबर को इसका कमीशनिंग समारोह होगा।
  • यह पोत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • यह तटीय क्षेत्रों में डाइविंग ऑपरेशन्स के लिए विकसित किया गया है।

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना अपने पहले स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट डीएससी ए-20 को औपचारिकता के तहत अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। इस पोत की एक विशेषता इसका कैटामरन हुल डिजाइन है, जो इसे अधिक स्थिरता प्रदान करता है। यह समुद्री परिस्थितियों में संचालन की क्षमता में विशेष निपुणता रखता है। इस पोत का बड़ा डेक एरिया भी सुविधाएं प्रदान करता है।

भारतीय नौसेना के मुताबिक, लगभग 390 टन विस्थापन वाले इस पोत में विश्वस्तरीय डाइविंग सिस्टम लगाए गए हैं। ये डाइविंग सिस्टम सुरक्षा और संचालन क्षमता के सर्वोच्च मानकों पर खरे उतरते हैं।

यह जहाज 16 दिसंबर को कोच्चि में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगा। यह स्वदेशी निर्माण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका कमीशनिंग समारोह दक्षिणी नौसेना कमान के तत्वावधान में होगा, जिसमें वाइस एडमिरल समीर सक्सेना की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा। यह स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट, पांच डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट की श्रृंखला का पहला पोत है।

इसका निर्माण कोलकाता स्थित टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड ने पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और तकनीक से किया है। यह पोत तटीय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के डाइविंग ऑपरेशन्स, अंडरवाटर मिशन, निरीक्षण और रिकवरी कार्यों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है। इसमें उन्नत कैटामरन डिजाइन और अत्याधुनिक प्रणालियां शामिल हैं।

पोत का निर्माण इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग के नौसैनिक नियमावली के अनुसार किया गया है। इसके प्रदर्शन और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी, विशाखापट्टनम में विस्तृत हाइड्रोडायनामिक विश्लेषण और मॉडल परीक्षण किए गए हैं। नौसेना इस कमीशनिंग को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि मानती है। इस पोत की कमीशनिंग न केवल भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान की सफलता का स्पष्ट प्रमाण भी है।

इस परियोजना में भारतीय नौसेना, स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग और राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के बीच बेहतरीन समन्वय देखा जा रहा है। यह नौसेना की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि भी करने जा रहा है। यह पोत डाइविंग सपोर्ट, अंडरवाटर निरीक्षण, सल्वेज सहायता तथा तटीय परिचालन तैनाती जैसी क्षमताओं में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी करेगा। यह पोत कोच्चि में आधारित रहेगा और दक्षिणी नौसेना कमान के अधीन संचालन करेगा।

Point of View

जो न केवल स्वदेशी तकनीक में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की परियोजनाएं देश की सामरिक क्षमताओं को सशक्त बनाती हैं।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

डीएससी ए-20 क्या है?
डीएससी ए-20 भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी डाइविंग स्पोर्ट क्राफ्ट है, जो उच्च स्थिरता और समुद्री संचालन क्षमता के साथ बनाया गया है।
इस पोत का निर्माण किसने किया है?
इसका निर्माण कोलकाता स्थित टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से किया है।
डीएससी ए-20 की विशेषताएँ क्या हैं?
इस पोत की विशेषताएँ में कैटामरन हुल डिजाइन, बड़ा डेक एरिया और विश्वस्तरीय डाइविंग सिस्टम शामिल हैं।
कब इसका कमीशनिंग समारोह होगा?
इसका कमीशनिंग समारोह 16 दिसंबर को कोच्चि में आयोजित होगा।
यह पोत किस प्रकार के ऑपरेशन्स के लिए उपयोग होगा?
यह पोत तटीय क्षेत्रों में डाइविंग ऑपरेशन्स, अंडरवाटर मिशन, निरीक्षण और रिकवरी कार्यों के लिए उपयोग होगा।
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