क्या महाराष्ट्र की छात्रा श्रावणी टांगे का जर्मनी कॉलेज में चयन हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- श्रावणी टांगे का जर्मनी में चयन एक बड़ी उपलब्धि है।
- उन्होंने 100% छात्रवृत्ति हासिल की है।
- उनकी सफलता ने सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर को उजागर किया है।
- शिक्षकों और अभिभावकों का सहयोग सफलता में महत्वपूर्ण है।
- उन्होंने टीचर बनने का सपना देखा है।
पिंपरी, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ महानगर निगम के स्कूल की छात्रा श्रावणी टांगे का चयन जर्मनी के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में हुआ है। वह 28 अगस्त से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में शामिल होंगी।
कासारवाड़ी स्थित छत्रपति शाहू महाराज इंग्लिश मीडियम स्कूल की छात्रा श्रावणी टांगे का चयन यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज (यूडब्ल्यूसी) के रॉबर्ट बॉश कॉलेज में हुआ है।
श्रावणी ने मीडिया को बताया कि 28 अगस्त से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए उसका प्रवेश सुनिश्चित हो गया है।
श्रावणी की पढ़ाई का एक विशेष पहलू यह है कि वह न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत की एकमात्र छात्रा हैं, जिसे सौ प्रतिशत छात्रवृत्ति मिली है। उनके चयन ने यह साबित किया है कि महानगर निगम के स्कूल में भी शिक्षा की गुणवत्ता और अनुकूल वातावरण मौजूद है। 10वीं पास छात्रा श्रावणी ने मनपा के शिक्षकों की मेहनत और अपनी लगन से यह सफलता प्राप्त की है।
श्रावणी अब 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए जर्मनी जा रही हैं। वह दो वर्षीय पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र जैसे विषयों का अध्ययन करेंगी। उन्हें जर्मनी के प्रतिष्ठित यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज (यूडब्ल्यूसी) संगठन के माध्यम से छात्रवृत्ति मिली है। उन्होंने 10वीं की परीक्षा में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उनके पिता एक निजी स्कूल में खेल शिक्षक हैं, जबकि उनकी माता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।
श्रावणी टांगे ने बताया कि इस परीक्षा की जानकारी उन्हें विद्यालय से मिली। लिखित परीक्षा की तैयारी में स्कूल के शिक्षकों ने भरपूर मदद की। उनका अधिकांश समय स्कूल की लाइब्रेरी में बीतता था। स्कूल में प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग को बहुत महत्व दिया जाता है, जो उनके लिए मददगार साबित हुआ। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद उनका चयन किया गया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पढ़ाई के लिए विदेश जाने का मौका मिलेगा। सरकारी स्कूल को कम आंकने की आवश्यकता नहीं है। यहां भी आगे बढ़ने का अवसर है। इन स्कूलों में पढ़ाई के स्तर में सुधार हुआ है। अनुभवी शिक्षकों के साथ-साथ अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर भी है।
उन्होंने कहा कि वह बड़ी होकर टीचर बनना चाहती हैं।
श्रावणी के पिता दीपक टांगे ने कहा कि मेरी बेटी को न केवल नगर निगम के स्कूल में शिक्षा मिली, बल्कि उसे सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा भी मिली। शिक्षकों का लगातार मार्गदर्शन, अभिभावकों का सहयोग और स्कूल का माहौल उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुझे उम्मीद नहीं थी कि महानगर निगम में पढ़ने वाले छात्रों को इस तरह से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।