क्या प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात से डिजिटल क्रांति की शुरुआत की?

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल इंडिया अभियान ने देश को डिजिटली सशक्त बनाया है।
- ई-ग्राम विश्वग्राम योजना ने ग्रामीण विकास में योगदान दिया है।
- इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 100 करोड़ से अधिक है।
- कॉमन सर्विस सेंटर्स की संख्या बढ़कर 5 लाख 81 हजार हो गई है।
- डिजिटल सेवाओं से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल रहा है।
गांधीनगर, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए विकास का एक अद्वितीय मॉडल प्रस्तुत किया, तब वह आज पूरे देश में बदलाव का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। डिजिटल इंडिया अभियान आज एक विकसित भारत की नींव है, जिसका आधार गुजरात के सीएम के रूप में पीएम मोदी द्वारा प्रारंभ की गई ई-ग्राम विश्वग्राम योजना है।
23 जनवरी, 2009 को, उन्होंने गुजरात की 13 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य शुरू किया था, जिससे ई-ग्राम विश्वग्राम योजना का जन्म हुआ। इस योजना ने गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
खेड़ा जिले की वडताल ग्राम पंचायत के सरपंच डॉ. प्रकाश ठाकोर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, 'राज्य सरकार की ई-ग्राम विश्वग्राम योजना एक बड़ी सफलता है। हमारी ग्राम पंचायत अब पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है।'
इस योजना ने गुजरात की ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाया है और अब लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं का लाभ सिर्फ एक क्लिक पर उठा सकते हैं।
नाडियाद के तालुका विकास अधिकारी नीलेश पटेल ने बताया, 'मुख्यतः इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए 321 सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।'
जब पीएम मोदी ने देश की बागडोर संभाली, तो उन्होंने अपने इस विजन को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया और 1 जुलाई, 2015 को डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य भारत को डिजिटली सशक्त बनाना और दूर-दराज के क्षेत्रों में गरीब से गरीब व्यक्ति को डिजिटल सुविधाओं से जोड़ना था।
इस डिजिटल इंडिया अभियान का परिणाम है कि पिछले दस वर्षों में देश में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या 100 करोड़ से अधिक हो गई है, जिनमें से 42 करोड़ से अधिक उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। इस दौरान मोबाइल फोन के उपयोगकर्ताओं की संख्या भी 117 करोड़ को पार कर गई है।
देश में कॉमन सर्विस सेंटर्स की संख्या भी 5 लाख 81 हजार से अधिक हो गई है, जिनमें से 4 लाख 52 हजार से ज्यादा सीएससी ग्रामीण इलाकों में हैं। बैंकिंग सुविधाएं हों या ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन, या फिर डीबीटी के माध्यम से सरकारी योजनाओं का पैसा लाभार्थियों तक पहुँचाना, यह सब डिजिटल इंडिया के माध्यम से ही संभव हुआ है। डिजिटल इंडिया अभियान आज देश के नागरिकों को सशक्त करने के साथ-साथ देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रहा है।