क्या पीएम मोदी बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और राहत कार्यों का जायजा लेंगे?

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क्या पीएम मोदी बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और राहत कार्यों का जायजा लेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाढ़ प्रभावित उत्तर भारत के राज्यों का दौरा करने जा रहे हैं। यह दौरा बाढ़ से हुई तबाही की समीक्षा के लिए है, जिसने सैकड़ों लोगों की जानें ली हैं। राहत कार्यों की स्थिति की गहन जानकारी लिए पीएम का यह दौरा महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • पीएम मोदी का दौरा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की समीक्षा करेगा।
  • बाढ़ ने कई राज्यों में तबाही मचाई है।
  • राज्य सरकारें केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता की मांग कर रही हैं।
  • यह दौरा प्रभावित लोगों के लिए सहानुभूति व्यक्त करने का एक अवसर है।
  • राहत कार्यों के लिए विभिन्न एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं।

नई दिल्ली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर भारत के उन कई राज्यों का दौरा करने जा रहे हैं, जो हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इस यात्रा के दौरान वे बाढ़ प्रभावित राज्यों में मौजूदा स्थिति की गहन समीक्षा करेंगे।

पीएम मोदी का यह दौरा तब हो रहा है जब लगातार बारिश ने तबाही मचाई है, जिससे सैकड़ों लोगों की जानें गई हैं और बुनियादी ढांचे और कृषि को भारी नुकसान हुआ है।

हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और हरियाणा में हो रही मानसूनी बारिश के कारण इस मौसम में 500 से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं। पिछले दो दिनों में भूस्खलन, अचानक बाढ़, और मकान ढहने के कारण कई लोगों की जानें चली गई हैं। राजमार्ग अवरुद्ध हैं, नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है, फसलें बर्बाद हो गई हैं, और हजारों लोग फंसे हुए हैं। यह क्षेत्र दशकों में सबसे गंभीर मौसम आपदाओं का सामना कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां मानसून की शुरुआत से अब तक 360 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, 1,087 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जबकि 2,838 बिजली आपूर्ति लाइनें और 509 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं।

अनुमान के मुताबिक, इस आपदा से 3,979.52 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है, जिससे सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया है।

पंजाब में बाढ़ ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। राज्य के 23 जिलों के 1,900 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे 43 लोगों की मौत हुई है। लगभग 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिसके कारण राज्य सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए केंद्र से विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है।

जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कई दिनों की भारी बारिश के बाद झेलम नदी और अन्य जलाशयों का जलस्तर कम होने लगा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में क्षेत्र में शुष्क मौसम रहने और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान लगाया है।

उत्तराखंड और अन्य उत्तर भारतीय क्षेत्रों में भी भीषण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ है और दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत कार्य जारी हैं, और राज्य तथा केंद्रीय दोनों एजेंसियां बचाव कार्यों का समन्वय कर रही हैं, प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्री वितरित कर रही हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं हमारे देश के लिए गंभीर चुनौतियां हैं। हमें सरकार और प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। राहत कार्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, ताकि जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्रों में सुधार हो सके।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी का दौरा कब है?
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हाल ही में बाढ़ प्रभावित राज्यों में होगा, लेकिन सही तारीख की घोषणा अभी बाकी है।
कौन से राज्य बाढ़ से प्रभावित हैं?
उत्तर भारत के प्रमुख राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
बाढ़ से कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?
अनुमान के मुताबिक, बाढ़ से 3,979.52 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।