क्या पीएम मोदी ने आईबीएसए की तस्वीरें पोस्ट कर हमारे रिश्ते को दिल से जोड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करना
- आईबीएसए के माध्यम से सहयोग बढ़ाना
- आतंकवाद के खिलाफ निकट समन्वय
- डिजिटल नवाचार का महत्व
- जलवायु-प्रतिरोधी कृषि के लिए फंड स्थापित करना
जोहान्सबर्ग, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के तीसरे सत्र को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के बाद, पीएम मोदी ने रविवार को भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (आईबीएसए) लीडर्स समिट में भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि जोहान्सबर्ग में जी20 समिट के दौरान, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और मैंने आईबीएसए के लीडर्स की बैठक की। यह एक ऐसा मंच है, जो ग्लोबल साउथ की आवाज और आशाओं को मजबूत करने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। आईबीएसए कोई सामान्य समूह नहीं है, बल्कि यह एक आवश्यक प्लेटफॉर्म है, जो तीन महाद्वीपों, तीन बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों और तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा संबंध दिल से जुड़ा है, जिसमें विभिन्न प्रकार की चीजें, समान सोच और समान अपेक्षाएँ शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों में, तीनों आईबीएसए देशों ने जी20 की प्रेसीडेंसी संभाली है और इस अवसर का उपयोग मानवता के हित में बनाए गए एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया है।
पीएम मोदी ने आईबीएसए के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। इसके तहत आईबीएसए को दुनिया को एक साथ यह संदेश देना होगा कि संस्थागत सुधार अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि आवश्यक है। यह एक सच्चाई है कि ग्लोबल इंस्टीट्यूशन 21वीं सदी की वास्तविकताओं से बहुत दूर हैं। इसे बदलना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निकट समन्वय आवश्यक है। इस मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। एक आईबीएसए डिजिटल नवाचार गठबंधन बनाएं जो मानवीय विकास के लिए तकनीक का उपयोग करेगा। जलवायु-प्रतिरोधी कृषि के लिए एक आईबीएसए फंड स्थापित करें। यह खाद्य सुरक्षा और स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है।