क्या प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना से 1.7 करोड़ किसानों को 24,000 करोड़ का लाभ मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना से 1.7 करोड़ किसानों को 24,000 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
- यह योजना झारखंड और बिहार के किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
- किसानों को अब अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
- किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सीधे कृषि केंद्र जा सकते हैं।
रांची/पटना, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना’ का लाभ देश के 1.7 करोड़ किसानों को सीधे मिलने जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत हर वर्ष 24,000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के लिए निर्धारित की जाएगी, जिससे विशेष रूप से झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के किसानों को बड़ा लाभ होगा।
किसानों में इस योजना को लेकर ख़ुशी का माहौल है, और इसे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। झारखंड के किसान कुणाल साहदेव ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में बताया कि इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा, और खासकर झारखंड के किसान इस योजना से बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये की इस राशि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
दूसरे किसान शंकर महतो ने इसे किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक बताया। उनका कहना है कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं उत्पन्न करेगी।
किसान रोमिन तिरके ने कहा कि यह योजना ग्रामीण इलाकों के लिए एक वरदान साबित होगी और इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
बिहार के रोहतास जिले के आशुतोष सिंह ने इस योजना को किसानों के लिए दोहरी खुशी का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि रोहतास एक कृषि प्रधान जिला है, और इस योजना से किसानों को बड़ा लाभ होगा।
रोहतास के अन्य किसान कृष्णा कुमार ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के लिए 24,000 करोड़
एक अन्य किसान संतोष कुशवाहा ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा लाई गई 24,000 करोड़ की योजना से किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसान कृषि संबंधी किसी भी जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि केंद्र में जा सकते हैं, इसके लिए पीएम का धन्यवाद।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी है, जो अगले छह वर्ष तक चलेगी।