क्या प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए सुझाव मांगे?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए सुझाव मांगे हैं।
- सुझाव 'माय जीओवी' और 'नमो ऐप' पर साझा किए जा सकते हैं।
- यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देता है।
- सुझाव देने का यह अवसर देश के भविष्य को आकार देने में मदद कर सकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले स्वतंत्रता दिवस पर भी सुझाव मांगे थे।
नई दिल्ली, १ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में १५ अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी स्वतंत्रता दिवस को लेकर देशवासियों से संवाद किया है। उन्होंने लोगों से स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए अपने सुझाव मांगे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए अपने विचार साझा करें। उन्होंने बताया कि विचार 'माय जीओवी' और 'नमो ऐप' के ओपन फोरम के जरिए साझा किए जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, "जैसे-जैसे हम इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस की ओर बढ़ रहे हैं, मैं अपने साथी भारतीयों से सुनने के लिए उत्सुक हूं! आप इस साल के स्वतंत्रता दिवस भाषण में किन विषयों या विचारों को देखना चाहेंगे? 'माय जीओवी' और 'नमो ऐप' ओपन फोरम पर अपने विचार साझा करें।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी सुझाव मांगे गए हैं। नरेंद्र मोदी डॉट इन वेबसाइट पर लिखा गया, "आपके विचार प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का हिस्सा बन सकते हैं—अभी साझा करें! भारत की आज़ादी के ७९ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, आपके पास प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन के लिए बहुमूल्य विचार और सुझाव साझा करने का मौका है। कमेंट सेक्शन में अपना विचार साझा करें। हो सकता है कि प्रधानमंत्री इनमें से कुछ को अपने भाषण में शामिल करें।"
यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने १५ अगस्त को लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाले अपने भाषण के लिए नागरिकों को अपने मत, विचार और सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया है। भारत के ७८वें स्वतंत्रता दिवस पर भी पीएम मोदी ने देशवासियों से सुझाव मांगे थे।
पीएम मोदी ने उन सुझावों का उल्लेख अपने भाषण में भी किया था। उन्होंने कहा था, "विकसित भारत 2047, ये सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं, इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और हमने देशवासियों से सुझाव मांगे और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत 2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है, हर देशवासी का संकल्प उसमें झलकता है। युवा हो, बुजुर्ग हो, गांव के लोग हों, किसान हों, दलित हों, आदिवासी हों, पहाड़ों में रहने वाले लोग हों, जंगल में रहने वाले लोग हों, शहरों में रहने वाले लोग हों, हर किसी ने 2047 में जब देश आज़ादी का १०० साल मनाएगा, तब तक विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं।