क्या प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने कविता देवी की जिंदगी बदल दी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया है।
- गैस कनेक्शन प्राप्त करने से खाना बनाने में समय की बचत होती है।
- इस योजना का उद्देश्य धुआं-मुक्त जीवन प्रदान करना है।
साहिबगंज, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के बड़तल्ला मिर्जा चौकी गांव की कविता देवी के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) एक आशीर्वाद साबित हुई है। इस योजना ने न केवल उनके जीवन को सरल बनाया है, बल्कि उनके परिवार को धुआं-मुक्त और स्वस्थ जीवनशैली भी दी है।
कविता देवी ने बताया कि इस योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन ने उनकी दैनिक समस्याओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया है।
कविता ने बताया कि पहले लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाना कठिन था। लकड़ी जलाने से उत्पन्न धुआं न केवल उनकी सेहत के लिए हानिकारक था, बल्कि इससे घर का वातावरण भी अस्वस्थ रहता था। खाना बनाने में घंटों लगते थे, जिससे बच्चों को समय पर स्कूल भेजना मुश्किल हो जाता था। धुएं के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं आम थीं। इसके अलावा, लकड़ी इकट्ठा करने में भी समय बर्बाद होता था। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिलने के बाद हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। अब खाना बनाने में समय की बचत होती है और घर में धुआं नहीं रहता।
कविता ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "अब हम समय पर खाना बना लेते हैं, बच्चों को स्कूल भेजने में देरी नहीं होती और घर का माहौल भी स्वच्छ रहता है। गैस चूल्हे की सुविधा ने न केवल हमारी सेहत में सुधार किया है, बल्कि हमारी दिनचर्या को भी व्यवस्थित किया है।"
साहिबगंज जिले में इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त किया है। कविता ने कहा, "यह योजना हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है। अब हम अपने बच्चों और परिवार के लिए ज्यादा समय दे पाते हैं।"
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2016 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, ताकि वे स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन का उपयोग कर सकें।
इस योजना ने ग्रामीण भारत में लाखों महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया है। कविता जैसे कई परिवार अब इस योजना का लाभ उठाकर न केवल समय और मेहनत की बचत कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में योगदान दे रहे हैं।