क्या रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने सीडीएस के एयरफोर्स वाले बयान का समर्थन किया?

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क्या रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने सीडीएस के एयरफोर्स वाले बयान का समर्थन किया?

सारांश

रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान के बयान का समर्थन किया, जिसमें कहा गया कि यदि चीन के खिलाफ युद्ध में वायुसेना का उपयोग किया जाता, तो हम चीन के हमलों को प्रभावी ढंग से रोक सकते थे। जानें इस पर उनके विचार क्या हैं।

Key Takeaways

  • रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी का वायुसेना के महत्व पर जोर।
  • जनरल अनिल चौहान का बयान और उसकी रणनीतिक प्रासंगिकता।
  • युद्ध में वायुसेना का सही समय पर उपयोग आवश्यक।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने शुक्रवार को सीडीएस जनरल अनिल चौहान के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि हम चीन के खिलाफ युद्ध में वायुसेना का उपयोग करते, तो निश्चित रूप से हम चीन द्वारा किए जा रहे हमलों को रोकने में सफल होते।

प्रफुल्ल बख्शी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि इस बात को नकारा नहीं किया जा सकता। जनरल अनिल चौहान ने जो कहा, वह पूरी तरह से सही है। यह बात हमने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में देखी है कि वायुसेना की सामरिक ताकत कितनी महत्वपूर्ण होती है। यदि वायुसेना का सही ढंग से उपयोग किया जाता, तो निश्चित रूप से चीन की शक्ति को कमजोर किया जा सकता था, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि यदि युद्ध के समय सेना का उपयोग किया गया, लेकिन वायुसेना का नहीं, तो निश्चित रूप से हार का सामना करना पड़ेगा। वायुसेना आपको विजय दिलाने में मदद करती है।

युद्ध में वायुसेना का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 1962 में वायुसेना का उपयोग नहीं किया गया, क्योंकि हमने युद्ध की रणनीति पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया। भारत में सेना को कभी सही ढंग से समझा नहीं गया। उस समय के प्रधानमंत्री ने सेना को समझने का प्रयास नहीं किया और उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया गया।

प्रफुल्ल बख्शी ने कहा कि जब चीन से युद्ध की चेतावनी दी गई, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें चीन से कोई खतरा नहीं है; वे तो हमारे मित्र हैं। सेना की आवश्यकता नहीं है, हम तो पुलिस के जरिए काम चला लेंगे। जब बात एयरफोर्स की आई, तब अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी कि यदि आप अपनी वायुसेना का इस्तेमाल करेंगे, तो चीन आपके कई राज्यों पर बम गिरा देगा। इस स्थिति में आप कहीं के नहीं रहेंगे। उस समय पंडित नेहरू घबरा गए।

उन्होंने कहा कि यदि आर्मी तैयार होती, तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। इतना ही नहीं, कारगिल में भी आपने देरी कर दी थी। यदि आपने कारगिल में सही समय पर तैयारी की होती, तो हमें उतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता, जितना उस समय उठाना पड़ा। यही नहीं, भारत की कई लड़ाइयां बिना किसी विशेष डॉक्ट्रिन के लड़ी गई थीं। ये डॉक्ट्रिन हमें बताती हैं कि किस स्थिति में हमें कैसे कार्य करना है।

Point of View

भारत की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है। हमें अपनी सेना और वायुसेना की सामरिक क्षमता को समझना होगा।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या वायुसेना का उपयोग युद्ध में महत्वपूर्ण है?
हां, वायुसेना का उपयोग युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आपको सामरिक बढ़त दिलाता है।
जनरल अनिल चौहान का बयान किस बारे में था?
उनका बयान इस बारे में था कि यदि हम वायुसेना का उपयोग करते, तो हम चीन के हमलों को प्रभावी ढंग से रोक सकते थे।
क्या प्रफुल्ल बख्शी का समर्थन जनरल अनिल चौहान के लिए महत्वपूर्ण है?
जी हां, प्रफुल्ल बख्शी का समर्थन उनकी विशेषज्ञता को दर्शाता है और यह एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।