क्या पूर्व सांसद दानिश अली को हाउस अरेस्ट कर बरेली जाने से रोका गया?

Click to start listening
क्या पूर्व सांसद दानिश अली को हाउस अरेस्ट कर बरेली जाने से रोका गया?

सारांश

उत्तर प्रदेश में पूर्व सांसद दानिश अली को उनके आवास पर नजरबंद किया गया। यह स्थिति बरेली जाने के उनके इरादे के कारण उत्पन्न हुई, जिसका उन्होंने विरोध किया। क्या यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है? जानें उनके बयानों और पुलिस की कार्रवाई के पीछे की वजह।

Key Takeaways

  • दानिश अली को नजरबंद किया गया है।
  • पुलिस ने बरेली जाने से रोका।
  • यह कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकती है।
  • पूर्व सांसद ने योगी आदित्यनाथ की नीतियों की आलोचना की।
  • बरेली में लोगों के दमन की स्थिति पर चिंता जताई गई।

अमरोहा, १ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पूर्व कांग्रेस सांसद कुंवर दानिश अली को पुलिस ने उनके घर पर नजरबंद कर दिया।

दानिश अली बरेली जाने के लिए तैयार थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से बाहर निकलने से रोक दिया। उनके आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और बैरिकेडिंग कर पूरे क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया। इस कार्रवाई के खिलाफ दानिश अली और कांग्रेस समर्थकों ने कड़ा विरोध व्यक्त किया है।

पुलिस ने बताया कि दानिश अली का बरेली दौरा कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता था, इसीलिए एहतियातन उन्हें नजरबंद किया गया। यह घटना अमरोहा देहात थाना क्षेत्र के बाईपास की है।

इस बीच, दानिश अली ने संवाददाताओं से कहा कि बरेली जाने का उनका कार्यक्रम था। वहां सुनियोजित तरीके से लोगों का दमन किया जा रहा है। हम पुलिस प्रशासन को यह संदेश देने जा रहे थे कि वह लोगों का दमन न करें। निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है और उनके घरों को तोड़ा जा रहा है, जो लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेते हुए कहा कि आपको दमनकारी नीति को छोड़ देना चाहिए। नाइंसाफी और दमन लंबे समय तक नहीं चल सकता। बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है, परंतु वर्तमान सरकार दमनकारी नीति पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किस प्रकार की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। मुझे शर्म आती है कि वह मेरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। मैं अपने लोगों के बीच जाकर उनका दुख बांटने चाहता हूं। वहां लोगों की दुकानों और घरों को तोड़ा जा रहा है और यह दुखद है कि वे हमारी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि वे हमारी आवाज को लंबे समय तक नहीं दबा सकते। हमें रोकने की कोशिश की गई, जबकि हम सात-आठ लोग जाने वाले थे। पुलिस प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया। मैं पूछता हूं कि यह कहां का न्याय है?

उन्होंने कहा कि यह सरकार आम आदमी को दबाने की कोशिश कर रही है। यह सरकार पूरी तरह से अमानवीय है। यह दमनकारी सरकार है, क्योंकि अब इन्हें पता चल गया है कि उनकी सरकार का समय खत्म हो गया है। हमारे नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया है, जिससे लोगों के बीच यह संदेश गया है कि यह एक वोट चोरी करने वाली सरकार है।

पुलिस ने बताया कि बरेली में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया। हालांकि, दानिश अली ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, "मुझे बिना किसी ठोस कारण के घर में बंद किया गया है। यह जनप्रतिनिधि के अधिकारों पर हमला है।"

Point of View

लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन का प्रतीक है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक असहमति को दबाने के प्रयास हो रहे हैं। इस मामले में सभी पक्षों को उचित न्याय मिलने की आवश्यकता है, ताकि लोकतंत्र की नींव मजबूत बनी रहे।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

दानिश अली को क्यों नजरबंद किया गया?
पुलिस ने बताया कि उनका बरेली दौरा कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता था, इसलिए उन्हें नजरबंद किया गया।
दानिश अली ने इस कार्रवाई के खिलाफ क्या कहा?
उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के नजरबंद किया गया।
इस मामले में पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस ने कहा कि बरेली में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
दानिश अली का बरेली दौरा क्यूं महत्वपूर्ण था?
उनका कहना था कि वे वहाँ जाकर लोगों के दमन के खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे।
क्या यह सरकार की दमनकारी नीति है?
दानिश अली ने कहा कि सरकार वर्तमान में दमनकारी नीति के आधार पर काम कर रही है।