क्या केंद्रीय गृह मंत्री पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली?

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क्या केंद्रीय गृह मंत्री पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली?

सारांश

राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से मिली राहत ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के चलते यह मामला काफी चर्चा में रहा। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव को।

Key Takeaways

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े मामले में राहत मिली।
  • झारखंड हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द किया।
  • राहुल गांधी का बयान 2018 के कांग्रेस अधिवेशन से संबंधित है।
  • भाजपा नेता प्रताप कटियार ने मानहानि की शिकायत की थी।
  • कानून को ध्यान में रखते हुए बयानबाजी का महत्व।

रांची, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तात्कालिक कानूनी राहत मिली है।

झारखंड हाईकोर्ट ने चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट के द्वारा उनके खिलाफ संज्ञान लेने और समन जारी करने के आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की पीठ ने गुरुवार को यह आदेश पारित करते हुए मामले को पुनर्विचार के लिए निचली अदालत को वापस भेजा।

पीठ ने कहा कि सीनियर मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेने का आदेश सत्र न्यायालय के आदेश से प्रभावित होकर पारित किया था। यह मामला वर्ष 2018 के कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी के उस बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहा था।

इस बयान के बाद चाईबासा के भाजपा नेता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि राहुल गांधी ने कहा था, “कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। कांग्रेसजन किसी हत्यारे को अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते, यह सिर्फ भाजपा में संभव है।”

इस मामले में अप्रैल 2022 में अदालत ने जमानती वारंट और फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने पेशी से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत आवेदन दिया था, जिसे चाईबासा कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें कुछ समय के लिए राहत दी थी और इसके बाद यह याचिका मार्च 2024 में निस्तारित कर दी गई थी।

बाद में चाईबासा कोर्ट ने 22 मई 2025 को दोबारा गैर-जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद राहुल गांधी ने 6 अगस्त 2025 को कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज कराई, जहां उन्हें सशर्त जमानत दी गई थी। इस बीच उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट के संज्ञान लेने और समन जारी करने को एक बार फिर चुनौती दी, जिसपर गुरुवार को उन्हें राहत मिली है।

Point of View

लेकिन न्यायालय का निर्णय यह दर्शाता है कि कानून को ध्यान में रखते हुए ही बयान दिए जाने चाहिए।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से क्या राहत मिली?
राहुल गांधी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर की गई टिप्पणी के मामले में झारखंड हाईकोर्ट से तात्कालिक राहत मिली है, जिसमें निचली अदालत का समन रद्द कर दिया गया है।
यह मामला कब का है?
यह मामला वर्ष 2018 के कांग्रेस अधिवेशन से संबंधित है, जब राहुल गांधी ने अमित शाह को 'हत्यारा' कहा था।
इस मामले में आगे क्या होगा?
झारखंड हाईकोर्ट ने मामले को निचली अदालत के पुनर्विचार के लिए वापस भेजा है, इसलिए आगे की प्रक्रिया अदालत में आगे बढ़ेगी।