क्या राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में बिहार के नेताओं का नाम नहीं है?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा बिहार में हो रही है।
- भाजपा और जदयू ने यात्रा पर सवाल उठाए हैं।
- यात्रा के समन्वयकों में बिहार के नेताओं का नाम नहीं है।
- बिहार के नेताओं की अनदेखी पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- यह यात्रा 25 जिलों में आयोजित की जाएगी।
पटना, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा 17 अगस्त से शुरू होने वाली वोट अधिकार यात्रा पर भाजपा और जदयू ने तीखा हमला किया है। इन दलों के नेताओं का कहना है कि यह यात्रा बिहार के मतदाताओं के मतदान अधिकार को लेकर है, लेकिन यात्रा के जिला समन्वयकों की सूची में बिहार के किसी नेता का नाम नहीं है।
दरअसल, राहुल गांधी की यह यात्रा रोहतास जिले से आरंभ होगी और विभिन्न जिलों में जाएगी। कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए 25 जिलों में एक-एक समन्वयक नियुक्त किया है। इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जिन नेताओं को समन्वयक बनाया गया है, उनमें से कोई भी बिहार का नहीं है।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह यात्रा बिहार में होने वाली है, फिर भी इसकी जिम्मेदारी बिहार के नेताओं को नहीं दी गई है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या बिहार के लोग प्रबंधन नहीं कर सकते थे? उन्होंने यह भी कहा, "वे बिहार के लिए आ रहे हैं और बिहार के नेताओं की राजनीतिक योग्यता की बलि चढ़ा दी।"
यह स्पष्ट है कि उन्हें बिहारियों पर विश्वास नहीं है। बिहारी कभी बोझ नहीं बनता। उन्होंने बताया कि इस समन्वयकों की सूची में 25 नाम हैं, लेकिन बिहार के किसी नेता का नाम नहीं है। दूसरी ओर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी बिहार आ रहे हैं, वे यहां कम से कम 25 जिलों में जाएंगे, लेकिन समन्वयक अन्य राज्यों के नेताओं को बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि क्या बिहारियों से इतनी नफरत हो गई है? उन्होंने यह भी कहा कि रोहतास में हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा में भीड़ नहीं पहुंची, जिसका कारण बिहारियों से कांग्रेस की नफरत है।