क्या राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों से संवैधानिक संस्थाएं बदनाम हो रही हैं?

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क्या राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों से संवैधानिक संस्थाएं बदनाम हो रही हैं?

सारांश

272 प्रमुख हस्तियों का राहुल गांधी को खुला पत्र, जिसमें संवैधानिक संस्थाओं पर निराधार आरोपों की निंदा की गई है। पत्र में रिटायर्ड जज और नौकरशाहों का सामूहिक समर्थन शामिल है, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। क्या यह राजनीतिक हताशा का संकेत है?

Key Takeaways

  • 272 हस्तियों का खुला पत्र महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक आरोपों की गंभीरता को समझना चाहिए।
  • संविधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा की रक्षा आवश्यक है।
  • लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए संविधान का सम्मान होना चाहिए।
  • राजनीतिक हताशा के वेग को समझना चाहिए।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 272 प्रमुख व्यक्तियों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के 'वोट चोरी' के आरोपों की तीव्र निंदा की है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 16 रिटायर्ड जज, 14 पूर्व राजदूत और 123 सेवानिवृत्त नौकरशाह शामिल हैं।

पत्र में चुनाव आयोग समेत देश की संवैधानिक संस्थाओं के प्रति की गई बयानबाजी पर चिंता व्यक्त की गई है। इसमें लिखा गया है, "भारत का लोकतंत्र संस्थागत हमलों का शिकार हो रहा है। कुछ नेता, वास्तविक नीतिगत विकल्प पेश करने के बजाय, भड़काऊ और निराधार आरोपों का सहारा ले रहे हैं।"

इस पत्र में आगे कहा गया है, "भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और उपलब्धियों पर सवाल उठाए गए हैं। न्यायपालिका की निष्पक्षता और संसद के संवैधानिक पदाधिकारियों को बदनाम करने की कोशिश की गई है। अब चुनाव आयोग अपनी ईमानदारी पर व्यवस्थित हमलों का सामना कर रहा है।"

272 हस्तियों ने एकजुट होकर राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों की कड़ी निंदा की।

उन्होंने पत्र में लिखा, "विपक्ष के नेता ने बार-बार चुनाव आयोग पर हमले किए हैं, यह कहते हुए कि जो मिला है वह एक परमाणु बम है और जब यह फटेगा, तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं होगी।"

रिटायर्ड अधिकारियों ने पत्र में यह भी नोट किया कि इतनी तीखी आरोपों के बावजूद, उन्होंने निराधार आरोपों से बचने के लिए कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

सभी हस्तियों ने चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा, "ईसीआई ने अपनी एसआईआर कार्यप्रणाली को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। अदालत की निगरानी में सत्यापन हुआ है।"

विपक्ष के आरोपों पर इन सभी ने एक सुर में कहा, "ये आरोप संस्थागत संकट के पीछे राजनीतिक हताशा को छिपाने का प्रयास हैं।"

इस पत्र पर सभी 272 हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आदर्श कुमार गोयल और हेमंत गुप्ता भी शामिल हैं।

इसके अलावा, पूर्व रॉ चीफ संजीव त्रिपाठी, पूर्व एनआईए डायरेक्टर योगेश चंदेर मोदी, कई राज्यों के पूर्व DGP, आईटीबीपी के पूर्व D.G. आरके पचनंदा, और कई केंद्रीय विभागों के पूर्व सचिव भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम सभी राजनीतिक आरोपों की निष्पक्षता से जांच करें। हमें यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए सभी संस्थाओं की प्रतिष्ठा को बनाए रखना आवश्यक है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, हमें एकजुट होकर देश के लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप क्या हैं?
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए हैं, जिसे 272 हस्तियों ने निराधार बताया है।
खुले पत्र में कितने लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं?
खुले पत्र में कुल 272 प्रमुख हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं।
पत्र में कौन-कौन सी संस्थाओं के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं?
पत्र में चुनाव आयोग, न्यायपालिका और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
क्या इस पत्र से कुछ राजनीतिक बदलाव आएंगे?
यह पत्र संभवतः राजनीतिक चर्चाओं को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके परिणामों को जानना अभी बाकी है।
क्या यह मामला अदालत में जाएगा?
अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, इसलिए अदालत में जाने की संभावना कम है।
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