क्या राजनाथ सिंह कुआलालंपुर में 12वीं आसियान रक्षा मंत्री बैठक-प्लस में शामिल होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह का कुआलालंपुर दौरा महत्वपूर्ण है।
- बैठक में रक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाने पर चर्चा होगी।
- भारत और आसियान के बीच आतंकवाद निरोध पर बातचीत।
- आसियान-भारत समुद्री अभ्यास का दूसरा संस्करण 2026 में होगा।
- बैठक से एक्ट ईस्ट नीति को नया मोड़ मिल सकता है।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया के कुआलालंपुर में 1 नवंबर को होने जा रही 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस में भाग लेंगे। इस बैठक के दौरान, वह रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस के 15 वर्षों की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत ने 1992 में आसियान का वार्ता साझेदार बनने की शुरुआत की थी, और पहला एडीएमएम-प्लस 12 अक्टूबर 2010 को वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था। 2017 से, यह बैठक हर वर्ष आसियान और प्लस देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए होती है। वर्तमान चक्र (2024-2027) के लिए, भारत मलेशिया के साथ आतंकवाद निरोध पर विशेषज्ञ कार्य समूह का सह-अध्यक्ष है। इसके अलावा, आसियान-भारत समुद्री अभ्यास का दूसरा संस्करण भी 2026 में आयोजित किया जाएगा।
रक्षा मंत्री 31 अक्टूबर को होने वाली दूसरी आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में भी शामिल होंगे, जो मलेशिया की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में सभी आसियान सदस्य देशों के रक्षा मंत्री उपस्थित रहेंगे।
इस बैठक का उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है। इसके साथ ही, भारत की एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाने का प्रयास भी किया जाएगा। अपने दो दिवसीय दौरे में, राजनाथ सिंह आसियान-प्लस सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और मलेशिया के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक रक्षा संबंधी परामर्श और सहयोग का सर्वोच्च मंच है, जिसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, तिमोर लेस्ते और वियतनाम जैसे 11 सदस्य देश शामिल हैं।
इसके अलावा, भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे आठ संवाद साझेदार देश भी इसमें शामिल हैं। वर्तमान चक्र (2024-2027) में भारत मलेशिया के साथ मिलकर आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ कार्य समूह की सह-अध्यक्षता कर रहा है। इसके अतिरिक्त, आसियान-भारत समुद्री अभ्यास का दूसरा संस्करण वर्ष 2026 में आयोजित किया जाएगा।