क्या बाघों का होना जंगल की सेहत का संकेत है? : रणदीप हुड्डा

सारांश
Key Takeaways
- बाघों की उपस्थिति जंगलों की सेहत का संकेत है।
- बाघों का संरक्षण हमारे पर्यावरण के लिए आवश्यक है।
- भारत बाघों के संरक्षण में दुनिया में अग्रणी है।
- बाघों को बचाना मतलब जंगलों को बचाना है।
- बाघों का संरक्षण सभी जीवों के लिए फायदेमंद है।
मुंबई, २९ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता रणदीप हुड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर एक विशेष संदेश साझा किया। उन्होंने लोगों को बाघों के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया। उनका कहना है कि यदि किसी स्थान पर बाघ मौजूद हैं, तो इसका अर्थ है कि वहाँ के जंगल सुरक्षित हैं।
रणदीप हुड्डा हमेशा जंगली जानवरों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने लंबे समय से लोगों को यह समझाने की कोशिश की है कि लुप्त होती प्रजातियों की रक्षा कितनी आवश्यक है।
उनका मानना है कि बाघ हमारे जंगलों और पर्यावरण के लिए अति आवश्यक हैं। यदि बाघों का संरक्षण नहीं किया गया, तो जंगलों का संतुलन बिगड़ जाएगा।
मंगलवार को रणदीप ने अपने सोशल मीडिया पर बाघों की कुछ तस्वीरें साझा कीं और एक दिल छू लेने वाला संदेश लिखा। उन्होंने उल्लेख किया कि उन्हें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बाघों को देखने का अवसर मिला।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस केवल बाघों के बारे में नहीं है। यदि किसी स्थान पर बाघ हैं, तो इसका मतलब है कि वहाँ पेड़-पौधों और जानवरों की लाखों प्रजातियाँ भी सुरक्षित हैं। भारत बाघों को बचाने में दुनिया में सबसे आगे है। इसलिए, बाघों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, यह चिंताजनक है कि जंगलों और बाघों का निवास स्थान धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है।"
अभिनेता ने सवाल उठाया कि यदि बाघों की संख्या बढ़ रही है, तो वे कहाँ रहेंगे?
उन्होंने आगे लिखा, "बाघों का संरक्षण करना उनके जंगलों का संरक्षण करना है और जंगलों का संरक्षण करना हमारी पूरी धरती और स्वयं इंसानों का भी संरक्षण करना है। इसलिए यदि हम बाघों को बचाते हैं, तो वास्तव में हम खुद को बचा रहे हैं। चलिए, खुद को बचाने के लिए बाघों और उनके निवास स्थान को सुरक्षित रखते हैं।"
रणदीप हुड्डा ने कहा, "मेरी खुशकिस्मती है कि मैंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में बाघों को देखा है। मैं यह कह सकता हूँ कि प्रकृति में बाघ जितना अद्भुत और शक्तिशाली दृश्य कोई नहीं है।"
गौरतलब है कि हर वर्ष २९ जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को बाघों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि बाघों और उनके जंगलों की रक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।