क्या पंजाब में रणजीत गिल के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी हुई?

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क्या पंजाब में रणजीत गिल के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी हुई?

सारांश

पंजाब के पूर्व अकाली नेता रणजीत सिंह गिल के ठिकानों पर विजिलेंस ब्यूरो की छापेमारी ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। गिल के भाजपा में शामिल होने के बाद यह कार्रवाई हुई है। जानिए इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • रणजीत सिंह गिल के ठिकानों पर विजिलेंस ब्यूरो ने छापेमारी की।
  • गिल ने भाजपा में शामिल होने के बाद यह कार्रवाई हुई।
  • गिल के कई सहयोगी भी रडार पर हैं।
  • इस घटनाक्रम ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचाई है।
  • अनमोल गगन मान का इस्तीफा और पार्टी की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है।

चंडीगढ़, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पूर्व अकाली नेता और रियल एस्टेट व्यवसायी रणजीत सिंह गिल के कई ठिकानों पर विजिलेंस ब्यूरो ने शनिवार सुबह छापेमारी की। गौरतलब है कि गिल ने शुक्रवार को ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्यता ग्रहण किया था। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल होने का फैसला किया था।

यह कार्यक्रम चंडीगढ़ में सैनी के सरकारी आवास पर आयोजित किया गया था। पार्टी में शामिल होने के अगले दिन, विजिलेंस टीमों ने चंडीगढ़ और मोहाली में उनके आवासों और अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।

रणजीत सिंह गिल शिरोमणि अकाली दल के पूर्व महासचिव रह चुके हैं और एक प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कारोबारी हैं।

उन्होंने खरड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनमोल गगन मान से पराजित हो गए थे। गिल, कभी शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के करीबी सहयोगी माने जाते थे। वे गिल्को कंपनी के मालिक हैं।

दिसंबर 2022 में, आयकर विभाग ने गिल्को वैली कार्यालय और आवास पर छापा मारा था।

गिल ने 18 जुलाई को शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ लगातार बैठकें कीं और भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया।

गिल ने 1990 में रूपनगर से एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की, और बाद में खरड़ में गिल्को वैली टाउनशिप की स्थापना की। उनके अन्य चल रहे प्रोजेक्ट एयरपोर्ट रोड और आईटी सिटी, मोहाली में हैं।

जानकारी के अनुसार, गिल ईडी के रडार पर भी थे, लेकिन उससे पहले ही पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कार्रवाई की। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, गिल के कई सहयोगी भी रडार पर हैं।

बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अनमोल गगन मान ने 19 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन 20 जुलाई को आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने अनमोल गगन मान से उनके निवास स्थान जीरकपुर में मुलाकात की।

इस संबंध में अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह उनकी पारिवारिक मुलाकात थी।

उन्होंने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा था, "मैं अनमोल गगन मान से पारिवारिक माहौल में मिला। पार्टी ने विधायक पद से उनका इस्तीफा नामंजूर करने का फैसला किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। हमने उनसे पार्टी और क्षेत्र की प्रगति के लिए मिलकर काम करते रहने का अनुरोध किया।" इसके बाद अनमोल गगन मान ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस फैसले की पुष्टि की थी।

Point of View

बल्कि पंजाब के राजनीतिक भविष्य का संकेत है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

रणजीत गिल कौन हैं?
रणजीत गिल एक पूर्व अकाली नेता और रियल एस्टेट व्यवसायी हैं।
विजिलेंस ब्यूरो ने किस आधार पर छापेमारी की?
गिल के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी संपत्तियों पर छापेमारी की गई।
क्या यह छापेमारी राजनीतिक प्रतिशोध है?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय है।
गिल के खिलाफ और क्या कार्रवाई की गई है?
गिल पर पहले भी आयकर विभाग द्वारा छापे मारे जा चुके हैं।
अनमोल गगन मान का इस्तीफा क्यों हुआ?
अनमोल गगन मान ने पार्टी से इस्तीफा दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया।