क्या आयुष प्रणालियां विश्व समुदाय को भारत का अनमोल उपहार हैं?: राष्ट्रपति मुर्मू

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क्या आयुष प्रणालियां विश्व समुदाय को भारत का अनमोल उपहार हैं?: राष्ट्रपति मुर्मू

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। यह विश्वविद्यालय आयुष प्रणालियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने योग और आयुर्वेद के महत्व पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • योग और आयुर्वेद का महत्व हमारी दैनिक जीवन शैली में है।
  • आयुष प्रणालियों का वैज्ञानिक अध्ययन आवश्यक है।

गोरखपुर, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय हमारी समृद्ध प्राचीन परंपराओं का एक प्रभावशाली आधुनिक केंद्र है। इसका उद्घाटन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के विकास में एक उपलब्धि है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि विश्वविद्यालय में विकसित उन्नत सुविधाएं अब बड़ी संख्या में लोगों के लिए उपलब्ध हैं। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज भी इसकी उत्कृष्टता का लाभ उठा रहे हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में लोगों की मदद करने के लिए व्यक्ति को अपनी सुख-सुविधाओं को त्यागना पड़ता है। उन्होंने जन कल्याण के प्रति समर्पण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है।

उन्होंने प्रशासकों, डॉक्टरों और नर्सों से जनप्रतिनिधियों द्वारा शुरू किए गए कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने सभी को सलाह दी कि वे किसी भी पेशे में प्रवेश करते समय खुद से किए गए वादे पर आत्मनिरीक्षण करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक कहावत है, ‘स्वास्थ्य ही धन है।’ उन्होंने लोगों से खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि योग उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो शारीरिक परिश्रम कम करते हैं और बैठे रहते हैं। उन्होंने लोगों को नियमित रूप से योग करने की सलाह दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और सिद्ध जैसी प्राचीन भारतीय प्रणालियां समग्र और सार्थक जीवन जीने के वैज्ञानिक तरीकों का वर्णन करती हैं। आयुर्वेद पर आधारित हमारी प्राचीन जीवनशैली में हम संतुलित आहार, जीवनशैली और विचारों पर बहुत ध्यान देते हैं। आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा हुआ है। हमारे खेत और जंगल औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का खजाना हैं। उन्होंने कहा कि आयुष प्रणालियांं विश्व समुदाय को भारत का अनमोल उपहार हैं।

उन्होंने कहा कि आयुष पद्धतियों पर आधारित चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता को और बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे विश्वविद्यालयों को इन पद्धतियों की वैज्ञानिक स्वीकार्यता बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभानी होगी।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह विश्वविद्यालय एक ऐसे मंच का निर्माण करेगा, जहां आयुष की वैज्ञानिकता को मान्यता मिलेगी।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्या है?
इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य आयुष प्रणालियों के अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
आयुष प्रणालियों की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?
आयुष प्रणालियों की सर्वांगीनता और प्राकृतिक उपचारों के प्रति बढ़ती रुचि के कारण उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।