क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया?

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को जोड़ना है।
- राष्ट्रपति ने जीवनपर्यंत शिक्षा का महत्व बताया।
- इंटरनेट क्रांति ने नई पेशेवर संभावनाएं खोली हैं।
- सामुदायिक कॉलेज और डॉ. अंबेडकर सेंटर का योगदान महत्वपूर्ण है।
- मूल्य आधारित शिक्षा की आवश्यकता है।
थिरुवरूर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को तमिलनाडु के थिरुवरूर में आयोजित तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने और बौद्धिक जिज्ञासा व आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने वाले माहौल के लिए सराहना के योग्य है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि यह विश्वविद्यालय विस्तार शिक्षा के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों तक ज्ञान का लाभ पहुंचा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय वंचित वर्गों के समग्र विकास में सामुदायिक कॉलेज और डॉ. अंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस जैसी पहलों के माध्यम से सक्रिय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तिगत विकास को सामाजिक विकास से जोड़ना होना चाहिए और यह समाज के हित में केंद्रित होनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों से उद्योग जगत के साथ मिलकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग मानवता तथा प्रकृति और पर्यावरण के समृद्धिकरण के लिए करने का आह्वान किया।
जीवनपर्यंत शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थी होना जीवनभर का कार्य है। महात्मा गांधी इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने जीवनभर भाषाएं, ग्रंथ, और विविध कौशल सीखे। उन्होंने छात्रों को जिज्ञासु बने रहने और आश्चर्य की भावना को जीवित रखने की सलाह दी ताकि वे सतत सीखते रहें और उनकी क्षमताएं समय की मांग के अनुसार बनी रहें।
उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में इंटरनेट क्रांति ने दुनिया को पूरी तरह बदल दिया है और कई नए पेशे उभरे हैं, जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन 4.0 कार्य संस्कृति को और बदल देंगे। ऐसे परिवेश में जो लोग नए कौशल सीखकर खुद को ढाल पाएंगे, वही परिवर्तन के अगुवा बनेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का घोषित मिशन “मजबूत चरित्र का निर्माण करना और मूल्य आधारित पारदर्शी कार्य संस्कृति का विकास करना” है। उन्हें विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय के छात्र इन नैतिक मूल्यों को केवल कार्यक्षेत्र तक ही नहीं, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं तक भी विस्तारित करेंगे। यही संवेदनशीलता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।