क्या इस रविवार सूर्य देव की कृपा पाने के लिए गुड़ और तांबे का दान करना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- रविवार का व्रत सुख और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- गुड़ और तांबे का दान अत्यधिक लाभकारी है।
- विडाल योग में शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि इस रविवार को आ रही है और विडाल योग का संयोग भी बन रहा है। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित रहेंगे।
द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से शुरू होकर दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा। वहीं, राहुकाल का समय शाम 4:09 बजे से 5:30 बजे तक रहेगा। हालाँकि, इस तिथि को कोई विशेष पर्व नहीं है, फिर भी आप रविवार का व्रत रख सकते हैं।
अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार का व्रत रखने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत की शुरुआत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से की जाती है और 12 रविवार व्रत रखने के बाद उसका उद्यापन किया जाता है।
रविवार का व्रत विधि-विधान से करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म, स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें। चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और फिर व्रत कथा सुनें। सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल, फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
इसके अतिरिक्त, रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ और सूर्य देव के मंत्र 'ऊं सूर्याय नमः' या 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे का दान भी महत्वपूर्ण है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि एवं सफलता मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र में विडाल योग को एक अशुभ योग माना जाता है। इस योग में सगाई, विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि ऐसे कार्य सफल नहीं होते या उनमें देरी होती है और शारीरिक तथा मानसिक कष्ट भी हो सकता है।