क्या रवि योग में शुभ कार्य करने से शिक्षा, निवेश और व्यापार में लाभ होगा?

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क्या रवि योग में शुभ कार्य करने से शिक्षा, निवेश और व्यापार में लाभ होगा?

सारांश

रविवार का दिन विशेष महत्व रखता है, खासकर जब रवि योग का संयोग हो। जानें कैसे इस दिन व्रत और पूजा से आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता हासिल कर सकते हैं। यह लेख आपको बताएगा कि कैसे सूर्य देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

Key Takeaways

  • रविवार का व्रत सुख और समृद्धि लाता है।
  • रवि योग में किए गए कार्यों का फल सकारात्मक होता है।
  • सूर्य देव को अर्घ्य देना विशेष फल देता है।
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • गुड़ और तांबे के दान का महत्व है।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रविवार को है। इस दिन सूर्य तुला में और चंद्रमा कुंभ राशि में सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे।

द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक और राहुकाल शाम 4 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

अग्नि और स्कंद पुराण में रविवार व्रत का उल्लेख मिलता है, जिसमें बताया गया है कि इस व्रत को रखने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि आप व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, तो किसी भी महीने में शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से कर सकते हैं और 12 रविवार व्रत रखने के बाद उद्यापन कर दें।

रविवार का व्रत करने के लिए जातक सुबह या ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म स्नान आदि कर पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग माना गया है। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित काम की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

Point of View

शिक्षा और व्यापार के लिए उत्तम है। यह लेख एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जिससे पाठक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

रविवार का व्रत कैसे करें?
रविवार का व्रत करने के लिए सुबह उठकर नित्य कर्म करें, पूजा स्थल साफ करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
रवि योग का महत्व क्या है?
रवि योग में किए गए कार्यों का फल सकारात्मक और लाभकारी होता है।
क्या रविवार को विशेष पूजा करनी चाहिए?
हाँ, रविवार को विशेष पूजा और व्रत करने से सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किसके लिए करें?
यह पाठ सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
क्या रवि योग में यात्रा करना अच्छा है?
हाँ, रवि योग में यात्रा करना लाभकारी माना जाता है।