क्या आरबीआई 6 अगस्त की एमपीसी बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखेगा?

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क्या आरबीआई 6 अगस्त की एमपीसी बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखेगा?

सारांश

क्या आरबीआई अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखेगा? जानिए इस रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, जीडीपी वृद्धि और मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • आरबीआई 6 अगस्त को ब्याज दरों पर निर्णय ले सकता है।
  • अगले तीन तिमाहियों में जीडीपी 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • मुद्रास्फीति औसतन 4 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
  • अनौपचारिक क्षेत्र में मजबूती आई है।
  • कॉर्पोरेट परिणामों में सुधार की संभावना है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 6 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने की संभावना है। यह जानकारी शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं और टैरिफ संबंधी चिंताओं के चलते, आगामी तीन तिमाहियों में भारत की जीडीपी 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो मौजूदा अनुमानों से अधिक है।

विश्लेषकों की मान्यता है कि जीडीपी डिफ्लेटर में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति अत्यधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसी स्थिति में वित्त वर्ष 2026 की जून, सितंबर और दिसंबर तिमाहियों में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर लगभग 7 प्रतिशत हो सकती है, जो जमीनी स्तर पर वास्तविक वृद्धि के हमारे अनुमान से अधिक है।"

विश्लेषकों ने यह भी कहा कि लंबी अवधि में कॉर्पोरेट परिणामों में सुधार की संभावना है।

रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है, "व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण से, जून में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि में कमी कॉर्पोरेट परिणामों में भी देखी गई है। हमारे पूर्वानुमान के अनुसार, एनजीडीपी वृद्धि में यह कमजोरी, जो आंशिक रूप से गिरती कीमतों के कारण है, दिसंबर तिमाही तक बनी रह सकती है। अच्छी बात यह है कि समय के साथ, इनपुट कीमतों में गिरावट कॉर्पोरेट मार्जिन को बढ़ाती है।"

हालांकि औपचारिक क्षेत्र में वृद्धि की गति धीमी हुई है, लेकिन अनौपचारिक क्षेत्र में मजबूती आई है, जिससे विकास के रुझान में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है।

जून के आंकड़े निराशाजनक रहे, जिससे अनिश्चितताएं बढ़ गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देखना महत्वपूर्ण है कि क्या यह एक बार की घटना थी या किसी रुझान की शुरुआत है।

अनौपचारिक क्षेत्र की आय में सुधार से उपभोग ऋणों की मांग में कमी आ सकती है। ऋण वृद्धि दोनों तरफ से प्रभावित हो रही है। आरबीआई द्वारा दी गई ढील से आंशिक रूप से मदद मिली है। औपचारिक क्षेत्र की स्थिति में सुधार करने वाले सुधार बेहतर समाधान हो सकते हैं।

मुद्रास्फीति पर रिसर्च डिविजन ने कहा है कि वित्त वर्ष 2026 में औसत मुद्रास्फीति 3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 में 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, यानी औसतन 4 प्रतिशत रहने की संभावना है। सोने को छोड़कर, मुख्य मुद्रास्फीति भी 4 प्रतिशत के आसपास है और पिछले एक वर्ष में इसमें कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। अंतर्निहित दर आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के बराबर है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम आरबीआई के निर्णयों को ध्यान से देखें। मौद्रिक नीति का प्रभाव हमारे देश की आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है। हमें समझना चाहिए कि आर्थिक सुधार की दिशा में उठाए गए कदम दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई की बैठक में क्या चर्चा होगी?
आरबीआई की बैठक में ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और जीडीपी वृद्धि के अनुमान पर चर्चा होगी।
क्या ब्याज दरें बढ़ेंगी?
वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना कम है।
जीडीपी वृद्धि का अनुमान क्या है?
अगली तीन तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत है।
मुद्रास्फीति की स्थिति क्या है?
मुद्रास्फीति औसतन 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अनौपचारिक क्षेत्र की वृद्धि का क्या प्रभाव है?
अनौपचारिक क्षेत्र की वृद्धि उपभोग ऋणों की मांग को प्रभावित कर सकती है।