क्या 'तन समर्पित, मन समर्पित' आरएसएस को बदनाम करने वालों को जवाब है? : इंद्रेश कुमार

सारांश
Key Takeaways
- रमेश प्रकाश की प्रेरक जीवन यात्रा
- आरएसएस के मूल सिद्धांतों का महत्व
- समर्पण और सेवा का संदेश
- युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
- सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कदम
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आरएसएस के दिवंगत कार्यकर्ता रमेश प्रकाश की जीवन और वैचारिक यात्रा पर आधारित 'तन समर्पित, मन समर्पित' नामक एक नई पुस्तक का औपचारिक लोकार्पण एक कार्यक्रम में किया गया, जिसमें आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, वरिष्ठ संघ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार और सुरुचि प्रकाशन के अध्यक्ष राजीव तुली भी उपस्थित थे।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने पुस्तक को एक ऐसे 'सरल लेकिन गहन प्रतिबद्ध स्वयंसेवक' का प्रेरक वृत्तांत बताया, जिसका जीवन संघ के मूल सिद्धांतों का प्रतीक है।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बताया कि यह पुस्तक एक साधारण और समर्पित कार्यकर्ता, स्वर्गीय रमेश प्रकाश की जीवन यात्रा का वृत्तांत है। आज के संदर्भ में यह दर्शाता है कि कैसे आरएसएस अपने मूल्यों और सिद्धांतों के माध्यम से एक अच्छे इंसान का निर्माण करता है, अपने परिवार को मजबूत बनाता है, एक मजबूत समाज का निर्माण करता है, राष्ट्र की सेवा करता है और दुनिया में सकारात्मक योगदान देता है। इसलिए व्यक्ति से लेकर वसुधैव कुटुम्बकम की यात्रा का चारित्रिक और आचरण में लागू करने की प्रवृत्ति इस पुस्तक से उभरती है। यह पुस्तक बहुत प्रेरणादायी है, इसलिए यह पढ़ना चाहिए। जो लोग संघ पर 'विषवमन' करते हैं, उन्हें यह जरूर पढ़ना चाहिए, जिससे उन्हें सत्यता की जानकारी मिल सके।
उन्होंने कहा, "यह पुस्तक एक समर्पित ज़मीनी कार्यकर्ता की यात्रा प्रस्तुत करती है, जिसने सेवा, अनुशासन और अटूट वैचारिक विश्वास का जीवन जिया। यह दर्शाती है कि कैसे आरएसएस अपने मूल्यों और आचरण के माध्यम से व्यक्तियों को ज़िम्मेदार नागरिक बनाता है जो परिवार बनाते हैं, समाज की सेवा करते हैं और विश्व में योगदान देते हैं।"
इस मौके पर सुरुचि प्रकाशन के अध्यक्ष राजीव तुली ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ऐसे कई कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन, न केवल स्वयं को, बल्कि अपने पूरे परिवार को संगठन के कार्य के लिए समर्पित कर दिया है। इसी समर्पण के कारण संघ सौ वर्षों से निरंतर सक्रिय और विकसित हो रहा है, और आज भी इसका कार्य निरंतर विस्तारित हो रहा है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस मौके पर कहा कि ऐसे बहुत से कार्यकर्ता और स्वयंसेवक हैं, जिन्होंने अपना पूरा परिवार खपाकर खुद को गलाकर संघ को बड़ा किया है। ऐसे ही दिल्ली के एक कार्यकर्ता थे जिनका नाम रमेश प्रकाश था। उनकी जीवन यात्रा और संस्मरण पर यह पुस्तक आधारित है, जिसका विमोचन हुआ है। नई पीढ़ी के लोग जो सामाजिक क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, यह पुस्तक उनके लिए कारगर साबित होगी। समाज के हर वर्ग खासकर युवा वर्ग के लिए यह पुस्तक बहुत खास है।