क्या सहकारिता से हर घर को रोजगार से जोड़ा जा सकता है?: सारंग

सारांश
Key Takeaways
- सहकारिता हर घर को रोजगार से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है।
- पैक्स का सुदृढ़ीकरण सहकारी आंदोलन को मजबूत करेगा।
- सेल्फ हेल्प ग्रुप सहकारिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- ईमानदारी से किया गया कार्य आत्मसंतुष्टि देता है।
- कमिटमेंट और टीमवर्क सफलता की कुंजी है।
भोपाल, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से हर घर को रोजगार से जोड़ा जा सकता है। राजधानी के समन्वय भवन में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के विभिन्न पहलुओं पर आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पैक्स का सुदृढ़ीकरण करना आवश्यक है।
मंत्री ने कहा कि इसके लिए संभागीय और जिला अधिकारी अधीनस्थ पैक्स का निरीक्षण करें। मुख्यालय के अधिकारियों को भी संभागवार जिम्मेदारी दी जाए, जो उनके अधीनस्थों की समस्या एवं सुझावों पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने में पैक्स की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
उन्होंने कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप सहकारिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। क्रेडिट मूवमेंट के साथ सहकारिता के विभिन्न आयामों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता का कलेवर बदल रहा है। सहकारी आंदोलन को पुन: मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है।
मंत्री सारंग ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से ही गरीबों के घर में खुशी लाई जा सकती है। सहकारिता ही ऐसा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से हर घर में रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। सहकारिता की साख के लिए काम करें। लोगों को अच्छे कामों के लिए याद रखा जाता है। ईमानदारी से किया गया कार्य आत्मसंतुष्टि देता है।
मंत्री सारंग ने कहा कि कमिटमेंट दक्षता को सिद्ध करता है। सभी टीमवर्क के साथ काम करें। एकरूपता जरूरी है। साफ-सुथरा ईमानदारी से किया गया कार्य ही आपकी पहचान बनेगा, जिससे आपका नाम होगा। जॉब के लिए ईमानदार रहेंगे, तो सफल होंगे।