क्या हर दिन खुद के डर से लड़ती हैं समीरा रेड्डी? ट्रिक का किया जिक्र

सारांश
Key Takeaways
- योग शक्ति और संतुलन प्रदान करता है।
- यह मानसिक शांति में मदद करता है।
- समीरा का मानना है कि योग आत्मा के लिए भी आवश्यक है।
- योग के माध्यम से डर का सामना करना संभव है।
- सामाजिक मीडिया पर योग के लाभ साझा करना प्रेरणादायक है।
मुंबई, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि योग ने उनकी ज़िंदगी में किस तरह से संतुलन, शक्ति और शांति का योगदान किया है। उन्होंने साझा किया कि वह प्रतिदिन अपने डर का सामना कैसे करती हैं।
समीरा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए अपनी योग से संबंधित भावनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “हर दिन मैं अपने डर से लड़ती हूँ और योग मुझे इसके लिए शक्ति प्रदान करता है। योग न केवल शक्ति देता है, बल्कि यह मुझे जीवन में संतुलन और आशा बनाए रखने की विधि भी सिखाता है। यह मेरे मन को शांति प्रदान करता है और मेरी भावनाओं को समझने में मदद करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब मैं किसी से बात नहीं कर पाती, तब योग मेरी बात सुनता है। यह शोर को कम करता है और मुझे अपने उत्तर खोजने में मदद करता है।”
समीरा का मानना है कि योग एक ऐसा साधन है, जो शरीर के साथ-साथ आत्मा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “योग मेरी आत्मा और शरीर को ठीक करता है। मस्तिष्क, हृदय और अभ्यास सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।”
वीडियो में उन्होंने अपने प्रशिक्षकों का धन्यवाद करते हुए जैकी श्रॉफ के प्रसिद्ध संवाद “सांस ले लंबा” को भी शामिल किया।
46 वर्षीय यह अभिनेत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं और अक्सर अपने वर्कआउट के साथ-साथ मजेदार वीडियो साझा करती हैं, जिसमें उनकी मेहनत और अनुशासन के साथ-साथ मजाकिया अंदाज भी स्पष्ट होता है। इसके अलावा, वह अपने प्रशंसकों को हमेशा स्वस्थ रहने का मंत्र देती हैं।
यदि हम समीरा के वर्कफ्रंट की बात करें, तो उन्होंने आखिरी बार 2013 में रिलीज़ हुई कन्नड़ फिल्म ‘वरधनायका’ में अभिनय किया था। इस फिल्म का निर्देशन अय्यप्पा पी. शर्मा ने किया था। फिल्म में समीरा के साथ सुदीप, चिरंजीवी सरजा और निकेशा पटेल भी मुख्य भूमिकाओं में थे।
समीरा रेड्डी ने ‘मैंने दिल तुझको दिया’, ‘रेस’, ‘मुसाफिर’ जैसी कई सफल फिल्मों में भी काम किया है।