क्या संजय बेजरीवाला की 30वीं यात्रा से बाबा अमरनाथ की आस्था और विश्वास की मिसाल मिलती है?

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क्या संजय बेजरीवाला की 30वीं यात्रा से बाबा अमरनाथ की आस्था और विश्वास की मिसाल मिलती है?

सारांश

गुजरात के संजय बेजरीवाला ने 30वीं बार बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा की है। उनके अनुभव और यात्रा की व्यवस्था जानकर श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिलेगी। क्या आप भी इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा बनना चाहेंगे?

Key Takeaways

  • संजय बेजरीवाला ने 30वीं बार यात्रा की है, जो आस्था का प्रतीक है।
  • जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं।
  • यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
  • यात्रा के दौरान भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
  • प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय आतिथ्य यात्रा को खास बनाते हैं।

जम्मू, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के संजय बेजरीवाला पिछले तीन दशकों से निरंतर बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा कर रहे हैं। इस बार भी वे अपनी 30वीं यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचे और समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए।

संजय बेजरीवाला ने अपनी 30 साल पुरानी यात्रा की रजिस्ट्रेशन पर्ची दिखाते हुए गर्व के साथ बताया कि यह उनके लिए आस्था और समर्पण का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, "पिछले 30 वर्षों से मैं बाबा अमरनाथ की यात्रा कर रहा हूं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में कभी कोई अप्रिय घटना मेरे साथ नहीं हुई। हमारे सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात रहते हैं। मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमें पूर्ण भरोसा है।"

उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे बिना किसी डर के बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर आएं। उन्होंने कहा, "मैं पूरे भारत के भोले बाबा के भक्तों से अनुरोध करता हूं कि वे अधिक से अधिक संख्या में यहां आएं और बाबा के दर्शन करें। जम्मू-कश्मीर में व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं और तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। चाहे कितने भी हमले हों या बम फेंके जाएं, भक्तों का उत्साह कभी कम नहीं होगा। डरने की कोई जरूरत नहीं है। तीर्थयात्री निश्चिंत होकर बाबा के दर्शन के लिए आएं। चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं, बाबा के भक्त कभी पीछे नहीं हटते। भक्तों को किसी भी प्रकार के डर को मन में नहीं लाना चाहिए और अधिक से अधिक संख्या में इस यात्रा में शामिल होना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा कि हर साल लाखों श्रद्धालु इस कठिन यात्रा को पूरा करते हैं, जो अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। सुरक्षा बलों की सतर्कता और समर्पण के कारण यह यात्रा हर साल सुचारु रूप से संपन्न होती है। जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय लोगों का आतिथ्य यात्रियों के लिए इस यात्रा को और भी खास बनाता है।

आपको बता दें कि बाबा अमरनाथ यात्रा हर साल जून-जुलाई में आयोजित होती है। यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होती है और 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है, जहां भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन होते हैं।

इस साल पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है और इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इस साल अब तक करीब 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। जिन श्रद्धालुओं ने अभी तक ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है, उनके लिए जम्मू में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा सोमवार, 30 जून से शुरू हो गई है।

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। पहलगाम और बालटाल मार्गों पर यात्रियों के लिए आधार शिविर, मेडिकल कैंप, ऑक्सीजन बूथ और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगी। इसके अलावा, मौसम की जानकारी और आपातकालीन सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बाबा अमरनाथ की यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी प्रतीक है। संजय बेजरीवाला जैसे भक्तों की कहानियां हमें यह याद दिलाती हैं कि आस्था और समर्पण किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

बाबा अमरनाथ यात्रा कब शुरू होती है?
बाबा अमरनाथ यात्रा हर साल जून-जुलाई में आयोजित होती है। इस साल यह 3 जुलाई से शुरू हो रही है।
क्या यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है?
हां, यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। श्रद्धालु ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
सुरक्षा के लिए कौन सी एजेंसियां तैनात हैं?
सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तैनात रहेंगी।
क्या यात्रा के दौरान कोई असुविधा होगी?
नहीं, यात्रा के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
क्या यात्रा में हिस्सा लेने के लिए कोई विशेष तैयारी करनी होगी?
यात्रा में हिस्सा लेने के लिए भक्तों को अपनी स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान रखना चाहिए और आवश्यक वस्त्र और सामान साथ लाना चाहिए।