क्या सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 'यूनिटी मार्च' ने युवाओं को एकता का संदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं को एकता और देशभक्ति की प्रेरणा
- 562 रियासतों का एकीकरण
- राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा बनाना
- स्वच्छता अभियान और पानी वितरण
- युवाओं के लिए डिजिटल प्रतियोगिताएं
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय युवा मामलों एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 'सरदार 150 यूनिटी मार्च' अभियान की शुरुआत की।
'सरदार 150 यूनिटी मार्च' एक दो महीने लंबा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य युवाओं को देश की एकता, देशभक्ति और नागरिक जिम्मेदारी के प्रति प्रेरित करना है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जनभागीदारी से राष्ट्र निर्माण' के दृष्टिकोण से प्रेरित है और इसे माई भारत संगठन के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
डॉ. मांडविया ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित यूनिटी मार्च केवल एक स्मरणोत्सव नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय आंदोलन है जो युवाओं को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने का कार्य करेगा। सरदार पटेल ने 562 रियासतों को एकजुट करके एक मजबूत भारत का निर्माण किया, इसी प्रकार यह अभियान भी युवाओं की ऊर्जा का उपयोग राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में करेगा।"
उन्होंने बताया कि इस उत्सव के दौरान सभी 779 जिलों में पदयात्राएं आयोजित की जाएंगी। पहले चरण में 31 अक्टूबर से 25 नवंबर तक प्रत्येक जिले में एक दिवसीय 7-10 किलोमीटर की पदयात्रा आयोजित होगी, जो सरदार की प्रतिमा या स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित स्थलों से आरंभ होगी। इसमें स्वच्छता अभियान, पानी वितरण और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का संदेश प्रदान किया जाएगा।
मंत्री ने युवाओं को सलाह दी कि वे सरदार साहब के जीवन से प्रेरणा लें और उनकी एकता और आत्मनिर्भरता के मूल्यों को अपनाएं। जिला स्तर पर मंत्री या प्रशासन इस गतिविधि का नेतृत्व कर सकते हैं। दूसरे चरण में 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक गुजरात के करमसद (सरदार का जन्मस्थान) से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक 150 किलोमीटर की राष्ट्रीय पदयात्रा होगी। इसमें माई भारत प्लेटफॉर्म पर क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से चयनित 150 युवा नेता भाग लेंगे। यात्रा के दौरान सरदार के योगदान पर 10 विषयों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे, जैसे बारडोली सत्याग्रह, सिविल सेवा में भूमिका और रियासतों का एकीकरण।
इसके अतिरिक्त, डिजिटल चरण में रील प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन और युवा नेतृत्व कार्यक्रम भी शामिल हैं, जो 15-29 वर्ष के युवाओं के लिए तैयार किए गए हैं।